शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकार बनने के करीब एक महीने बाद आखिरकार मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। पिछले करीब एक महीने से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ही सरकार के तौर पर काम कर रहे थे। रविवार को सुक्खू सरकार में सात मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही छह मुख्य संसदीय सचिव भी बनाए गए। मंत्रियों और संसदीय सचिवों को देख कर लग रहा है कि मुख्यमंत्री सुक्खू के हिसाब से इनकी नियुक्ति हुई है। प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के समर्थक बाहर रह गए हैं। हालांकि उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को सरकार में जगह मिली है।
सुक्खू सरकार में धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्द्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह मंत्री बनाए गए। रविवार को इन सातों मंत्रियों को राजभवन शिमला में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर ने शपथ दिलाई। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मोहन लाल बराग्टा, रामकुमार चौधरी, आशीष बुटेल, किशोरी लाल और संजय अवस्थी मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए हैं। मुख्य संसदीय सचिवों को भी कैबिनेट रैंक दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 12 मंत्री बन सकते हैं। इस तरह अभी तीन मंत्री पद खाली हैं।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि मंत्रियों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री सुक्खू की चली। प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह जुब्बल कोटखाई से रोहित ठाकुर और कसुम्पटी से अनिरुद्ध सिंह को मंत्री बनाने का विरोध कर रहा था। मगर सुक्खू ने दोनों को सरकार में जगह दी है। इससे सुक्खू मंत्रिमंडल में शिमला जिले का दबदबा बढ़ गया है और कई जिलों की अनदेखी हो गई है। छह मुख्य संसदीय सचिवों में से तीन लोग मुख्यमंत्री के करीबी बताए जाते हैं। गौरतलब है कि आठ दिसंबर को आए नतीजे में कांग्रेस पार्टी ने 40 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया।