मुंबई। शिव सेना ने अपनी पुरानी सहयोगी भाजपा के साथ अपने विवादों को किनारे रखते हुए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का ऐलान किया है। पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके खुद इसका ऐलान किया। उन्होंने भाजपा और अपनी पार्टी के बागी नेता एकनाथ शिंदे पर तंज करते हुए कहा, ‘मेरी सोच छोटी नहीं है’। इससे पहले उनकी पार्टी के सासंदों ने सोमवार को हुई बैठक में मुर्मू को समर्थन देने की मांग की थी।
सोमवार को उद्धव ठाकरे ने अपने आवास मातोश्री में अपने सांसदों की बैठक बुलाई थी, जिसमें उसके लोकसभा और राज्यसभा के 22 सांसदों में से 16 सांसद शामिल हुए थे। उन्होंने उद्धव से कहा कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी महिला हैं, इसलिए पार्टी को उनका समर्थन करना चाहिए। इसके बाद उद्धव ने कहा था कि वे एक-दो दिन में फैसला करेंगे। उन्होंने 24 घंटे से भी कम समय में मंगलवार की सुबह फैसले का ऐलान किया और कहा कि शिव सेना के विधायक व सांसद मुर्मू को वोट करेंगे।
उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद शिव सेना के फिर भाजपा के साथ जाने की अटकलों को लेकर पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम पर चर्चा हुई और मुर्मू को समर्थन देने का मतलब भाजपा का समर्थन नहीं है। शिव सेना की ओर से कहा जा रहा है कि मुर्मू आदिवासी महिला हैं, इसलिए पार्टी ने उनको समर्थन दिया है। पहले भी एनडीए में रहते हुए शिव सेना ने मराठी के नाम पर प्रतिभा पाटिल को और किसी अज्ञात कारण से प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया था।
बहरहाल, उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा- यह देखते हुए कि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिला है, हमने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। मुझे पता है कि इसके बाद राजनीति शुरू होगी, लेकिन इसमें कोई राजनीति नहीं है। हमने पहले भी हमने यूपीए की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। ठाकरे ने आगे कहा- इस फैसले के लिए मुझ पर कोई दबाव नहीं था, न हीं हमने इसमें कोई पॉलिटिकल एंगल तलाशा है। यह प्रचार किया जा रहा है कि मेरे सांसदों ने मुझ पर दबाव डाला और मुझे जबरदस्ती फैसला लेना पड़ा। सांसदों ने कहा कि अब तक किसी को भी इस स्तर पर आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया गया है। इसलिए हम सभी को द्रौपदी मुर्मू जी का समर्थन करना चाहिए।
उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बाद संजय राउत ने कहा- विपक्ष को जिंदा रहना चाहिए। पहले हमने प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था, एनडीए उम्मीदवार का नहीं। हमने प्रणब मुखर्जी का भी समर्थन किया। शिव सेना दबाव में निर्णय नहीं लेती है। इससे पहले सोमवार की बैठक के बाद शिव सेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा था कि मुर्मू एनडीए उम्मीदवार हैं लेकिन साथ ही आदिवासी समुदाय से हैं और एक महिला हैं। हमें उन्हें अपना समर्थन देना चाहिए।
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