श्रीहरिकोटा | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मिशन को आज गुरूवार को एक बहुत बड़ा झटका लगा है। आज सुबह इसरो ने अर्थ ऑबजर्सेवेशन सैटेलाइट EOS-03 को सफलतापूर्वक लॉन्च (ISRO EOS-3 Launch) किया लेकिन कुछ देर बाद रॉकेट के क्रायोजेनिक स्टेज में आई तकनीकी खराबी के कारण मिशन पूरा नहीं हो सका। सैटेलाइट को जियो स्टेशनरी ऑर्बिट में स्थापित करना था।
51.70 मीटर लंबे रॉकेट GSLV0F10/ EOS-3 ने 26 घंटे की उलटी गिनती खत्म होने के तुरंत बाद सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर सफलतापूर्वक लॉन्च (ISRO EOS-3 Launch) तो हो गया, लेकिन तीसरे स्टेज सेपरेशन के दौरान क्रायोजेनिक इंजन में कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण सैटेलाइट ट्रेजेकटरी से अलग हो गया।
मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों के अनुसार, रॉकेट के पहले और दूसरे स्टेज में सब कुछ सामान्य था। लेकिन कुछ ही मिनट बाद इसमें कुछ दिक्कत आने लगी। जिसके बाद रेंज ऑपरेशंस डायरेक्टर द्वारा इसकी घोषणा की गई ‘रॉकेट के परफॉर्मेंस में दिक्कत के कारण मिशन पूरी तरह से पूरा नहीं किया जा सका। बता दें कि इसरो का मिशन जीएसएलवी (GSLV) लॉन्च का आज 14वां मिशन था। इसरो के अबतक के 8 मिशन पूरी तरह सफल रहे हैं, लेकिन 4 में उसे असफलता मिली है वहीं, 2 आंशिक रूप से सफल हो पाए हैं।
Watch Live: Launch of EOS-03 onboard GSLV-F10 https://t.co/NE3rVjNtHb
— ISRO (@isro) August 11, 2021
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इस स्थिति को लेकर मिशन कंट्रोल सेंटर में रेंज ऑपरेशंस के निदेशक ने ने कहा कि, क्रायोजेनिक स्टेज में दिक्कत आ गई है, जिसके चलते मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है।
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क्या है अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट…
अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-3) एक ऐसा सैटेलाइट है जिसके द्वारा चिन्हित किये गए किसी बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय की तस्वीरें लगातार भेज सकता है। यह उपग्रह कृषि, वानिकी, जल निकायों के साथ-साथ आपदा चेतावनी, चक्रवात निगरानी, बादल फटने या आंधी-तूफान की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाता है। यह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की निगरानी करने में सहायता करता है।