नई दिल्ली। श्री देवोत्थान सेवा समिति ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में मृतकों की लगातार बढ़ रही संख्या पर दुख व्यक्त किया है और दिल्ली के अस्पतालों में रखे उन सभी शवों का वैदिक रीति से अंतिम संस्कार तथा अस्थि विसर्जन करने का बीड़ा उठाया है जिनकी पहचान नहीं की जा सकी है।
समिति के अध्यक्ष अनिल नरेंद्र ने बुधवार को कहा कि समिति ने दिल्ली के अस्पतालों को सूचित किया है कि वहां जिन शवों की पहचान नहीं की जा सकी है, वह उनका बिना किसी भेदभाव के वैदिक रीति के अनुसार अंतिम संस्कार करेगी। इसके अलावा उनका अस्थि विसर्जन भी किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि समिति के महामंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में एक दल इस काम को पूरा करेगा। नरेंद्र ने बताया कि समिति पिछले 18 वर्ष से लावारिस लोगों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठा रही है। उसने हरिद्वार के कनखल स्थिल सतीघाट पर अब तक 136742 लोगों की अस्थियों का विसर्जन किया है जिनमें पाकिस्तान, सिंगापुर और दुबई से लाये गये हिंदुओं और सिखों के अस्थि कलश भी थे जिनका वहां अपना कोई नहीं था।
लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करेगी श्री देवोत्थान सेवा समिति
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