हिसार। हरियाणा के हिसार जिले में भाटला दलित संघर्ष समिति के सदस्यों ने गांव भाटला के सामाजिक बहिष्कार को लेकर ग्रामीणों को मुआवजा देने के अदालती आदेश की पालना के लिए आज उपायुक्त से मिले।
अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत ने चार जनवरी को जिला उपायुक्त प्रियंका सोनी को निर्देश दिए थे कि वह गांव के दलित परिवारों की प्रारंभिक जांच कर योग्य पाए जाने पर दलित परिवारों को मुआवजा उपलब्ध कराएं।
भाटला दलित संघर्ष समिति के प्रधान बलवान सिंह के अनुसाार भाटला में 2 जुलाई 2017 को गांव के सवर्ण समुदाय ने दलितों का बाकायदा मुनादी कराकर सामाजिक बहिष्कार किया था, जिस बारे में थाना सदर हांसी में एक मुकदमा नंबर 225/17 दर्ज हुआ था।
इस मुकदमे में पूरे गांव का समस्त दलित समाज शिकायतकर्ता बना था। सिंह ने उपायुक्त को बताया कि जिला प्रशासन ने एससी/ एसटी एक्ट के तहत केवल 8 लोगों को मुआवजा दिया है ,जबकि पूरे गांव भाटला का दलित समाज सामाजिक बहिष्कार से पीड़ित है।
उन्होंने उपायुक्त को बताया कि इससे पहले भी उन्होंने हिसार के जिला उपायुक्त, मुख्यमंत्री तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भी पत्र लिखकर गांव के 423 दलित परिवारों को एससी एसटी एक्ट के तहत मुआवजा देने की मांग की थी, क्योंकि गांव का दलित समाज पिछले दो- ढाई सालों से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है।
सामाजिक बहिष्कार के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है तथा उन्हे अपने पशु भी बेचने पड़े हैं और आर्थिक रूप से वे लोग बिल्कुल बेहाल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने हिसार की स्पेशल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत का चार जनवरी का आदेश आया था। जिला उपायुक्त के अनुसार जिला कल्याण अधिकारी को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये हैं।