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Uniform Civil Code : समान नागरिक संहिता लागू हो, इसे लाने का यही सही समय

ByNI Desk,
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Uniform Civil Code : समान नागरिक संहिता लागू हो, इसे लाने का यही सही समय
Uniform Civil Code india : नई दिल्ली। देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का अभी सही समय आ गया है। गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता एक राजनीतिक मुद्दा है और देश की मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा दशकों से इसे अपने चुनाव घोषणापत्र में शामिल करती रही है। Hindu Mushalman बहरहाल, मीणा जनजाति की एक महिला और उसके हिंदू पति के बीच तलाक के मुकदमे की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता की जरूरत है और इसे लाने का यही सही समय है। अदालत ने केंद्र सरकार से इस मामले में जरूरी कदम उठाने को कहा है। इस केस में पति हिंदू मैरिज एक्ट के हिसाब से तलाक चाहता था, जबकि पत्नी का कहना था कि वह मीणा जनजाति की है, ऐसे में उस पर हिंदू मैरिज एक्ट लागू नहीं होता। पत्नी ने मांग की थी कि उसके पति की तरफ से फैमिली कोर्ट में दायर तलाक की अर्जी खारिज की जाए। उसके पति ने हाई कोर्ट में पत्नी की इसी दलील के खिलाफ याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज में जाति, धर्म और समुदाय से जुड़े फर्क खत्म हो रहे हैं। यानी एकरूपता आ रही है इस वजह से दूसरे धर्म और दूसरी जातियों में शादी करने और फिर तलाक होने में दिक्कतें आ रही हैं। अदालत ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को इन दिक्कतों से बचाने की जरूरत है। इस समय देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। अनुच्छेद 44 में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर जो बात कही गई है, उसे हकीकत में बदलना होगा।

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Uniform Civil Code india का मतलब है कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक जैसा पर्सनल लॉ बनाना और उसे लागू करना। देश में अभी हिंदू और मुसलमानों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं। इसमें संपत्ति, शादी, तलाक और उत्तराधिकार जैसे मामले आते हैं। सभी धर्म और समुदाय अपनी परंपरा और संस्कृति के आधार पर अपनी मान्यताओं को लागू करना चाहते हैं। तभी इसे लेकर देश में गंभीर बहस होती रही है। इसे लेकर विवाद भी होता रहा है।  
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