नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन यानी इंटरपोल के सम्मेलन का मंगलवार को उद्घाटन किया और कहा कि इंटरपोल को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों, आतंकवादियों, नशीली दवाओं के कारोबारियों, संगठित अपराध में शामिल और अवैध शिकार करने वालों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं दी जा सकती इसलिए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाए। प्रधानमंत्री का यह बयान इस लिहाज से अहम है कि पिछले दिनों इंटरपोल ने कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था।
बहरहाल, प्रधानमंत्री ने इंटरपोल के 90वें सत्र का मंगलवार को उद्घाटन किया। यह 21 अक्टूबर तक चलेगा। उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा- इंटरपोल 99 साल से दुनिया के 195 देशों की पुलिस को कनेक्ट कर रहा है। ये इसलिए भी अहम है, क्योंकि हर देश का कानूनी ढांचा अलग है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा- भारत ने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए बलिदान दिए हैं। हमारी पुलिस करीब नौ सौ राष्ट्रीय और 10 हजार राज्य कानून के तहत अपने फर्ज को अंजाम देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, ड्रग्स की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिए वैश्विक खतरा बताया और कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व को एकजुट करने का समय आ गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद सिर्फ भौतिक रूप से ही नहीं मौजूद है, बल्कि अब वह साइबर खतरों और ऑनलाइन कट्टरता से भी अपना दायरा बढ़ा रहा है। गौरतलब है कि इस सम्मेलन में पाकिस्तान सहित 195 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया। इन दोनों को पाकिस्तान सरकार भारत को कब सौंपेगी? इस सवाल पर पाकिस्तान फेडरल एजेंसी, एफआईआ के डायरेक्टर ने पर चुप्पी साध ली। वे भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि आगे बढ़ाने के सवाल पर भी कुछ नहीं बोले।
बहरहाल, भारत को 25 साल बाद इस सत्र की मेजबानी मिली है। इसके पहले 1997 में भारत ने इंटरपोल के सम्मेलन की मेजबानी की थी। आजादी के 75 साल होने के मौके पर भारत ने इस सत्र के मेजबानी की मांग की थी। दिल्ली में यह बैठक 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगी और इसमें 195 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इंटरपोल के प्रमुख अहमद नस्र अल रईसी और महासचिव जुर्गेन स्टॉक भी इसमें शामिल हो रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से 21 अक्टूबर को इसका समापन होगा।