
नई दिल्ली। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के प्रस्तावित नए नियमों को लेकर विरोध तेज हो गया है। तीन और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को दो चिट्ठियां लिखी हैं। महाराष्ट्र सरकार ने भी इसका विरोध किया। अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसके विरोध में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है।
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव करना चाहती है। नए नियम लागू होने के बाद केंद्र सरकार राज्य की मर्जी के बगैर किसी भी अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर बुला सकती है। विपक्ष के शासन वाले राज्यों के अलावा भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के शासन वाले कुछ राज्यों ने भी नए कानून के मसौदे पर आपत्ति जताई है।
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बहरहाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर अपनी चिट्ठी पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने अखिल भारतीय सेवा के काडर से जुड़े नियमों में संशोधन को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि यह फैसला भारतीय संघ की एकता को कमजोर करेगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इसका राजनीतिक दुरुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि नियमों में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को एकतरफा अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने लिखा है कि यह संविधान में रेखांकित संघीय भावना के खिलाफ है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस संशोधन के बाद कोई भी अफसर निष्ठा से काम नहीं कर पाएगा। उस पर एक्शन की तलवार लटकी रहेगी। उन्होंने लिखा है- इस संशोधन से केंद्र और राज्य सरकारों के लिए तय संवैधानिक क्षेत्राधिकार का उल्लंघन होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का कई गैर भाजपा शासित राज्य विरोध कर रहे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की सरकारों ने भी विरोध किया था। केरल ने भी इस पर आपत्ति जताई है।