बीजापुर | छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले (Chhatisgarh Bijapur Sukma Naxal Attack) में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के एक दिन बाद रविवार को शहीद जवानों की संख्या पांच से बढ़कर 24 (24 Jawan Died in Naxal Atteck) हो गयी और 31 जवान घायल हैं। शनिवार को लगभग चार घंटे चली मुठभेड़ में पहले दिन 5 जवानों की मौत बताई गई थी। गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) से फोन पर कल हुए बीजापुर नक्सली हमले के बारे में जानकारी ली,और राज्य सरकार को केन्द्र की तरफ से सभी आवश्यक मदद का भरोसा दिलाया।
I bow to the sacrifices of our brave security personnel martyred while fighting Maoists in Chhattisgarh. Nation will never forget their valour. My condolences are with their families. We will continue our fight against these enemies of peace & progress. May injured recover soon.
— Amit Shah (@AmitShah) April 4, 2021
पुलिस सूत्रों ने मुठभेड़ के बाद अधिकारियों ने सूचनाओं के हवाले से कहा कि 24 जवान शहीद हुए हैं। वहीं 31 के घायल होने की पुष्टि हुयी है। इनमें से एक दर्जन का उपचार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहा है। शेष का इलाज यहीं पर अस्पताल में चल रहा है। घायल जवानों में भी कुछ ही हालत काफी गंभीर बनी हुयी है। शहीदों की संख्या बढ़ भी सकती है। पुलिस का मानना है कि कुछ नक्सलियों के भी मारे जाने की आशंका है, जिनके शव नक्सलियों के कब्जे में ही हैं।
इस मुठभेड़ में मुठभेड़ में नौ नक्सलियों के ढेर होने की खबर है जबकि मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद भी हुआ है। मुठभेड़ तररेम इलाके के जंगलों में बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर हुयी। यहां कुछ दिनों से नक्सलियों के एकत्रित होने की सूचना पर गश्ती दल भेजा था। गश्ती दल में सैकड़ों जवान शामिल थे। सात घायल जवानों का रायपुर और 23 का बीजापुर में इलाज चल रहा है।
मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को हुई क्षति दुखद हैं । लेकिन सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं और नक्सली हिंसा के विरुद्ध यह लड़ाई हम ही जीतेंगे ।
केंद्रीय गृह मंत्री जी ने कहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर इस लड़ाई को अवश्य जीतेंगे।
2/3— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 4, 2021
पुलिस के अनुसार मुठभेड़ स्थल बीजापुर से लगभग 75 किलोमीटर दूर है और वहां से अब भी जवानों के लौटने का इंतजार है। मुठभेड़ शनिवार को दिन में लगभग दो बजे प्रारंभ हुई और जो देर शाम तक चली। घने जंगल में पुलिस के संयुक्त गश्तीदल पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था। पहाड़ियों से घिरे इलाके में कल देर रात तक पांच जवानों के शहीद होने की पुष्टि वरिष्ठ अधिकारी ने की।
राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के डीआईजी ओपी पाल के अनुसार शुक्रवार रात बीजापुर और सुकमा जिले से सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में भेजा था। अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर और पामेड़ से और सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से 1500 जवान शामिल थे।
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तीन साल में 970 वारदात, 113 जवान शहीद, अब 24 और जुड़े
2 फरवरी 2021 को लोकसभा में नक्सली घटनाओं को लेकर सरकार से जानकारी मांगी गई थी। देश गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने इसका जवाब दिया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2018 में देशभर में 833 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2019 में घटकर 670 और 2020 में घटकर 665 हो गई। परन्तु छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। सरकार ने लोकसभा में दिए जवाब में माना कि छत्तीसगढ़ में 2018 से 2020 तक 970 नक्सली घटनाएं हुई थीं। इनमें सुरक्षाबलों के 113 जवान शहीद हुए थे। 2019 में छत्तीसगढ़ में 263 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2020 में करीब 20% बढ़कर 315 हो गईं। जबकि 2019 में नक्सली हमलों में छत्तीसगढ़ में 22 जवान शहीद हुए थे और 2020 में 36 जवानों की जान गई। अब 2021 में एक साथ चौबीस जवानों की शहादत ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों ने कहा कि शहीद जवानों में जिला रिजर्व पुलिस बल के 08 के अलावा शेष जवान स्पेशल टास्क फोर्स और कोबरा बटालियन के शामिल हैं। आज अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा है, लेकिन उन पर भी हमले के प्रयास के समाचार मिले हैं। बस्तर रेंज के पुलिस आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया कि शनिवार को सुकमा और बीजापुर इलाके के जूनागुड़ा पहाड़ी में नक्सली नेताओं के होने की खबर थी। इसके चलते लगभग 1500 जवानों के दल ने तीन तरफ से पहाड़ियों को घेर लिया था। अचानक दोनों ओर से तीन घंटे तक गोलीबारी हुई।
उन्होंने आधिकारिक तौर पर सुबह तक आठ जवानों के शहीद और लगभग 20 जवानों के लापता होने की बात कही थी। अब खबर आ रही है कि शहीदों की संख्या 24 हो गई है। महानिरीक्षक के अनुसार नक्सलियों की संख्या 200 से अधिक बतायी गयी थी। उन्होंने 09 नक्सलियों के मारे जाने का दावा भी किया। उन्होंने बताया कि तर्रेम आधार शिविर के आसपास 15 किलोमीटर के अंदर नक्सलियों की मौजूदगी के पुख्ता सबूत के बाद पुलिस का आपरेशन शुरू किया गया था, जिसमें कोबरा बटालियन, केन्द्रीय सुरक्षा बल तथा जिला पुलिस बल के जवान शामिल थे। बताया जाता है कि जवान पहाड़ियों में तीन तरफ से घिर गए थे। इस वजह से बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए।