नई दिल्ली। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दक्षिण भारत के चेन्नई में उच्चतम न्यायालय की पीठ स्थापित करने की मांग के संबंध में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद-130 के अनुसार उच्चतम न्यायालय की पीठ केवल दिल्ली में ही हो सकती है और मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही अन्य स्थानों पर इसकी पीठ स्थापित कर सकते हैं।
प्रसाद ने एक पत्र लिखकर वाइको के इस संबंध में राज्य सभा में पूछे गये सवाल के जवाब में यह बात कही है। प्रसाद ने कहा कि विधि आयोग ने अपनी 229वीं रिपोर्ट में कहा है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ दिल्ली में ही होगी जबकि अन्य मुकदमों की सुनवाई के लिए चेन्नई और हैदराबाद के अलावा कोलकाता तथा मुंबई में पीठ स्थापित की जा सकती है।
कानून मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के अलावा अन्य स्थानों पर अपनी पीठ के गठन का विरोध किया है। इसके लिए समय-समय पर भारत के अटार्नी जनरल का सुझाव लिया गया लेकिन सभी ने इसका विरोध किया है।
दिल्ली में ही होगी उच्चतम न्यायालय की पीठ: रविशंकर
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