राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

नई दिल्ली। हेट स्पीच मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस पर बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि अगर धर्म और राजनीति अलग-अलग हो जाएं यानी राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल बंद हो जाए तो हेट स्पीच अपने आप बंद हो जाएगी। अदालत ने देश के पंडित जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की मिसाल देते हुए कहा कि इनके भाषण सुनने दूर दराज से लोग पहुंचते थे।

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने हेट स्पीच मामले पर सुनवाई की। उसी दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की मिसाल देते हुए कहा- वाजपेयी और नेहरू को याद कीजिए, जिन्हें सुनने के लिए लोग दूर-दराज से इकट्‌ठा होते थे। हम कहां जा रहे हैं?

जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा- हर रोज टीवी और सार्वजनिक मंचों पर नफरत फैलाने वाली बयान दिए जा रहे हैं। क्या ऐसे लोग खुद को कंट्रोल नहीं कर सकते? जिस दिन राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे। नेता राजनीति में धर्म का उपयोग करना बंद कर देंगे। उसी दिन नफरत फैलाने वाले भाषण भी बंद हो जाएंगे। जस्टिस जोसेफ ने इस मामले में राज्य सरकार के रवैए पर भी तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘राज्य नपुंसक हैं। वे समय पर काम नहीं करते। जब राज्य ऐसे मसलों पर चुप्पी साध लेंगे तो फिर उनके होने का मतलब क्या है?

गौरतलब है कि शाहीन अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट राज्यों को कई बार हेट स्पीच पर लगाम लगाने के आदेश दे चुका है। इसके बावजूद हिंदू संगठनों की हेट स्पीच पर लगाम लगाने में महाराष्ट्र सरकार विफल रही है। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें