नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की नियुक्ति को मंजूरी देने के बाद अब सरकार ने दो और जजों के नाम की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की ओर से इनके नाम की सिफारिश की गई थी। राष्ट्रपति ने कॉलेजियम की सिफारिश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया है।
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई है। यह अधिकतम संख्या है। अब सुप्रीम कोर्ट में जज का कोई पद खाली नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में 2019 के बाद पहली बार यह स्थिति बनी है, जब पूरी क्षमता के बराबर नियुक्ति हो गई है। बहरहाल, 31 जनवरी को कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति की सिफारिश भेजी थी। इससे पहले पांच नामों को मंजूरी देने में सरकार ने 20 दिन से ज्यादा समय लगाया था। लेकिन दो नामों को 10 दिन के भीतर मंजूरी मिल गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले जब रंजन गोगोई भारत के चीफ जस्टिस थे तब सुप्रीम कोर्ट में जजों के सभी पद भरे हुए थे। असल में पिछले दिनों जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट में गंभीर विवाद हो गया था। सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी जारी करनी पड़ी थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर सरकार की लगाई गई, आपत्तियों का खंडन करते हुए केंद्र को लिखे गए अपने पत्र भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था। ऐसा पहली बार हुआ था कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आपत्तियों को सार्वजनिक किया था।