सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास ( यदि कोई हो तो ) को उनके चयन के 48 घंटों के भीतर प्रकाशित करना होगा। फरवरी 2020 के फैसले में निर्देश को संशोधित करना होगा। राजनीति को अपराध से मुक्त करने के लिए फरवरी 2020 के फैसले के पैरा 4.4 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि विवरण उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले प्रकाशित किया जाएगा।मंगलवार को पीठ ने कहा कि उसने उक्त फैसले के पैराग्राफ 4.4 को बदल दिया है और इसे 48 घंटे के भीतर प्रकाशन के रूप में कर दिया है। बेंच ने कुछ अतिरिक्त निर्देश भी पारित किए हैं, जो फैसले की पूरी कॉपी अपलोड होने पर पता चलेगा।पीठ नवंबर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने में विफलता का आरोप लगाते हुए दायर अवमानना याचिकाओं में अपना फैसला सुना रही थी। याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2020 के आदेशों का पालन नहीं करने पर राजनीतिक दलों के खिलाफ अवमानना की मांग की गई है। ( Supreme Court new order )
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पार्टियों को चयन के 48 घंटों के भीतर उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करना होगा: SC
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