नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 22वें विधि आयोग की स्थापना के लिए इसके चेयरपर्सन और सदस्यों की मांग करने वाले एक जनहित याचिका पर केंद्र और कानून मंत्रालय से जवाब मांगा है।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में दावा किया गया है कि वर्तमान में विधि आयोग के काम न करने से केंद्र कानून के विभिन्न पहलुओं पर इस निकाय के लाभ से वंचित हैं।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस पर संक्षित सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया।
याचिका के मुताबिक, 31 अगस्त, 2018 को जस्टिस बीएस चौहान के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद पिछले 2 साल, 5 महीने से चेयरपर्सन की कुर्सी खाली है।
कमीशन द्वारा कानून में अनुसंधान का काम किया जाता है और साथ ही मौजूदा कानूनों की भी समीक्षा की जाती है, ताकि उनमें बदलाव लाया जा सके या नए कानूनों का निर्माण किया जा सके।
विधि आयोग के लिए चेयरपर्सन की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
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