afghanistan president ashraf ghani काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी रविवार को देश छोड़ कर भाग गए। उसके एक दिन बाद उन्होंने देश के लोगों के नाम संदेश जारी किया है। इस बीच उनके ऊपर आरोप लगे हैं कि वे ढेर सारा नकद पैसा लेकर देश से भागे हैं। तालिबान ने दावा किया है कि गनी अपने साथ 50 लाख डॉलर नकद ले जाने की कोशिश कर रहे थे। दूसरी ओर रूस ने दावा किया है कि चार गाड़ियों में भर कर गनी नकद ले गए।
बहरहाल, गनी ने देश के नागरिकों के नाम संदेश जारी कर देश छोड़ने की वजह बताई है। उन्होंने देश के लोगों को संबोधित करते हुए लिखा है कि राजधानी काबुल में खून-खराबा न हो इसलिए वे चुपचाप चले गए। उन्होंने लिखा है- आज मेरे सामने एक मुश्किल चुनाव था, मैं तालिबान का सामना करने के लिए खड़ा रहूं, जो हथियारों से लैस हैं और राष्ट्रपति भवन में घुसना चाहते हैं या उस देश को छोड़ कर चला जाऊं, जिसकी रक्षा करने में मैंने अपने 20 साल दिए हैं।
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उन्होंने आगे लिखा है- अगर मैं तालिबान से लड़ने का विकल्प चुनता तो, कई नागरिक शहीद होते और काबुल हमारी आंखों के सामने तबाह होता। इस 60 लाख की आबादी वाले शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी देखनी पड़ती। तालिबान ने ठान लिया है कि मुझे रास्ते से हटाना है। वे यहां काबुल और काबुल के लोगों पर हमला करने आए हैं। इस खून-खराबे को रोकने के लिए यही बेहतर था कि मैं यहां से चला जाऊं।
गनी ने अपने संदेश में लिखा है- तालिबान तलवारों और बंदूकों के साथ यह युद्ध जीत गए हैं और अब लोगों की इज्जत, दौलत और खुद्दारी की रक्षा करने की जिम्मेदारी तालिबान की है। तालिबान ने लोगों का दिल नहीं जीता है। इतिहास में कभी सिर्फ ताकत के दम पर किसी को नहीं स्वीकारा गया है, न कभी स्वीकारा जाएगा। अब तालिबान के सामने बड़ा इम्तिहान है। या तो वे अफगानिस्तान के लोगों के नाम और सम्मान की रक्षा करेंगे या फिर दूसरी जगहों और अपने विस्तार पर ध्यान देंगे। afghanistan president ashraf ghani