अहमदाबाद। गुजरात दंगों के मामले में फर्जी दस्तावेज बना कर साजिश रचने और राज्य सरकार व तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के मामले में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ को अदालत ने एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले पुलिस ने आरोप लगाया था कि तीस्ता जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार को गुजरात पुलिस की एटीएस ने मुंबई से गिरफ्तार किया था।
गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ को रविवार को अहमदाबाद मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उनको एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस का आरोप है कि तीस्ता जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। इससे पहले पेशी के लिए ले जाते समय तीस्ता सीतलवाड़ ने विरोध करते हुए कहा कि वो क्रिमिनल नहीं हैं। रास्ते में कई बार वे यहीं कहती रहीं। सीतलवाड़ को उनके मुंबई के घर से हिरासत में लिया गया था और गुजरात एटीएस शनिवार रात उन्हें अहमदाबाद लेकर आई।
गुजरात पुलिस ने तीस्ता के खिलाफ शनिवार को ही एफआईआर दर्ज की थी। गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर साजिश रचने का मामला दर्ज किया है। संजीव भट्ट पहले से जेल में हैं, जबकि शुक्रवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीस्ता और श्रीकुमार को गिरफ्तार किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को शुक्रवार यानी 24 जून को खारिज कर दिया था। यह याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए तीखी टिप्पणी की थी।
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