नई दिल्ली। वस्तु व सेवा कर, जीएसटी कौंसिल की 45वीं बैठक शुक्रवार को होगी। कोराना वायरस की महामारी शुरू होने के बाद यह पहली बैठक है, जिसमें सारे सदस्य आमने-सामने होंगे। कोरोना महामारी के दौरान सारी बैठकें वर्चुअल हो रही थीं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं। इस बैठक में चार दर्जन से अधिक वस्तुओं पर कर की दर की समीक्षा की जा सकती है और 11 कोविड दवाओं पर कर छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जा सकता है। GST Council meeting friday
जीएसटी परिषद की यह बैठक लखनऊ में होगी। इसमें एक देश, एक दाम का एक प्रस्ताव आने की संभावना है, जिसमें पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का सुझाव होगा। इसके आलावा जोमैटो और स्विगी जैसे खाद्य डिलीवरी ऐप को रेस्टोरेंट के रूप में मानने और उनके द्वारा की गई डिलीवरी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा।
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वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्विट किया- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल लखनऊ में सुबह 11 बजे जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और केंद्र सरकार व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कोविड-19 से जुड़ी आवश्यक सामग्री पर शुल्क राहत की समय सीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
गौरतलब है कि देश में इस समय पेट्रोलियम उत्पादों के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। इसलिए उन्हें जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार हो सकता है। फिलहाल राज्य पेट्रोल, डीजल की उत्पादन लागत पर वैट नहीं लगाते, बल्कि इससे पहले केंद्र इनके उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाता है, उसके बाद राज्य उस पर वैट वसूलते हैं। केरल हाई कोर्ट ने जून में एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान जीएसटी कौंसिल से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला करने को कहा था।