इस अवसर पर मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। कोरोना वायरस संकट के चलते रूद्रप्रयाग जिले में स्थित मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर केवल मुख्य पुजारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी ही मौजूद रहे और इस दौरान सामाजिक दूरी सहित सभी प्रकार के नियमों का पालन किया गया।
महामारी के कारण आम श्रद्धालुओं को कपाट खोले जाने के समारोह से दूर रखा गया। सरकारी परामर्श के तहत अभी चार धामों की यात्रा पर रोक है। अभी केवल कपाट खोले गये हैं ताकि पुजारी अपने स्तर पर नित्य पूजाएं संपन्न करा सकें।
इससे पहले, 26 अप्रैल को अक्षयतृतीया पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खोल दिए गए थे। चमोली में बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध इन मंदिरों को सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिया जाता है और फिर अप्रैल-मई में दोबारा खोला जाता है।