नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी पार्टियों ने फिर चीन का मसला उठाया और केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया। शीतकालीन सत्र के आठवें दिन शुक्रवार को कांग्रेस ने चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प के मामले में जमकर हंगामा किया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि तवांग मामले में विपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री संसद में आकर जवाब दें।
कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों के हंगामे को देखते हुए दोपहर 12 बजे तक राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दी गई थी। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में काम रोको प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि संसद में तवांग झड़प मामले में बात होना जरूरी है। मनीष तिवारी ने कहा कि देश की जनता को भारत-चीन सीमा की स्थिति जानने का अधिकार है। रक्षामंत्री ने इस पर विस्तार से चर्चा नहीं की है।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा था कि नौ दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने तवांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा, एलएसी का उल्लंघन कर एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था। भारतीय सेना ने पीएलए को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा- इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए।
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