
जयपुर। उदयपुर में हिंदू दर्जी कन्हैया लाल की गला काट कर हत्या करने वालों का आतंकवादियों से कनेक्शन नहीं भी हो सकता है। बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच हाथ में लेने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए ने शुरुआती जांच के आधार पर कहा है कि इन कोई आतंकी कनेक्शन होने का सबूत नहीं मिल रहा है। इससे पहले राजस्थान पुलिस की जांच के हवाले कहा जा रहा था कि दोनों हत्यारों में से एक का पाकिस्तान से कनेक्शन है और दावत ए इस्लाम नाम के एक संगठन से उसके जुड़े होने की खबर थी।
बहरहाल, उदयपुर की घटना के तीसरे दिन गुरुवार को उदयपुर जिला अदालत ने दोनों हत्या आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बताया जा रहा है कि एनआईए इनको ट्रांजिट रिमांड लेकर जयपुर लाएगी। पहले इनको दिल्ली ले जाने की चर्चा थी, लेकिन अब शायद ऐसा न हो। इससे पहले राजस्थान पुलिस ने गुरुवार शाम को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया। कोर्ट में वकीलों ने दोनों आरोपियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस बीच राज्य सरकार ने उदयपुर के धानमंडी थाने के एसएचओ और एसआई को सस्पेंड कर दिया गया है, बाकी कई और पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया जा सकता है। हत्या के तीसरे दिन यानी गुरुवार को भी कई इलाकों में तनाव बना रहा। सर्व समाज के लोगों के निकाले मौन जुलूस पर पथराव होने की खबर है, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया। राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों में गुरुवार को भी इंटरनेट बंद रहा। उदयपुर में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू जारी और पूरे प्रदेश में एक महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है।