बालासोर। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को दिन में बताया था कि बालासोर ट्रेन हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की वजह से हुआ था। उन्होंने यह भी कहा था कि गलती करने वाले की पहचान हो गई है। लेकिन शाम होते होते अपन इस निष्कर्ष को पीछे छोड़ दिया और कहा कि हादसे की सीबीआई जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। इस पर केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की ओर से जांच की अधिसूचना जारी होगी।
हादसे की सीबीआई जांच की मांग करके रेल मंत्रालय ने इस घटना के पीछे साजिश होने का संदेह पैदा कर दिया है। गौरतलब है कि हादसे के बाद से ही केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय निशाने पर है। पटरियों के रख-रखाव से लेकर उनकी नवीनीकरण की कमियों को हादसे का कारण बताया जा रहा है। इस बीच हादसे को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास भी शुरू हो गया है। कुछ ट्विटर हैंडल ऐसे ट्विट किए गए, जिसमें दुर्घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर एक सफेद इमारत को दिखा कर बताया जा रहा है कि वह मस्जिद है। हालांकि कुछ फैक्ट चेकर्स ने बताया है कि वह इस्कॉन मंदिर है। इस तरह की अफवाहों को लेकर ओडिशा पुलिस ने सख्त चेतावनी भी जारी की है।
बहरहाल, घटना को सांप्रदायिक रंग दिए जाने के प्रयासों के बीच रेल मंत्रालय ने सीबीआई जांच की मांग कर दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद रविवार शाम को बालासोर में प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। हालांकि रविवार की सुबह हादसे की जगह का जायजा लेने के बाद रेल मंत्री ने कहा था- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। जिम्मेदारों की पहचान भी कर ली गई है। उनके इस बयान के कुछ देर बाद रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके कहा- शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।
इस बीच ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने रविवार सुबह दावा किया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम को हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत की खबर आई थी और बताया गया था कि 1,175 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 793 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
हादसे के बाद रेल सेवा बहाल होने के मामले में रविवार की शाम को प्रेस कांफ्रेंस में रेल मंत्री ने कहा- दो मेन लाइनों में पटरी का काम पूरा हो गया है। बिजली की लाइनों पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में घायलों का अच्छा इलाज चल रहा है। जो लोग इस हादसे में घायल हुए या जान गंवाई उनके परिजन से संपर्क करने की कोशिश जारी है। दिल्ली से विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम एम्स भुवनेश्वर पहुंची है। यह टीम गंभीर रूप से घायल एक सौ से ज्यादा मरीजों का इलाज करेगी। यह भी बताया जा रहा है कि ओडिशा हादसे के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी बहुत से शवों की पहचान नहीं हुई है।