नई दिल्ली। मानहानि मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सजा के तुरंत बाद जमानत मिल गई और उन्हें अपील करने का समय देने के लिए 30 दिन के लिए उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया। अब मामला हाई कोर्ट में जाएगा। अगर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक सजा निलंबित नहीं होती है तो राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म हो सकती है, उनकी वायनाड सीट रिक्त घोषित हो सकती है और चुनाव लड़ने पर रोक भी लग सकती है। कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक हाई कोर्ट में अपील पर सुनवाई होने तक राहुल गांधी संसद नहीं जाएंगे।
इस मामले में चुनाव आयोग का रुख भी देखने वाला होगा। क्योंकि लक्षद्वीप के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के आरोप में सजा होने के तुरंत बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी थी। हालांकि बाद में उच्च अदालत ने सजा पर रोक लगा दी और सर्वोच्च अदालत ने उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया। इसी तरह उत्तर प्रदेश में सपा के विधायक अब्दुल्ला आजम को सजा होने के तुरंत बाद उनकी सदस्यता समाप्त हो गई थी। हालांकि ऐसा नहीं नियम नहीं है। तभी बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के मामले में चुनाव आयोग इंतजार करेगा और हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही कोई कार्रवाई करेगा।
बहरहाल, जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (3) के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी। वह रिहाई के छह साल बाद तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी हाई कोर्ट में अपील करेंगे। यह भी माना जा रहा है कि उनको राहत मिल जाएगा।