नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी साकेत गोखले को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने फर्जी खबर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के मामले में उनको गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उनको अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उनको आठ दिसंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया। गुजरात पुलिस ने गोखले को सोमवार को राजस्थान के जयपुर हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया और मंगलवार को अदालत में पेश किया।
गोखले पर मोरबी पुल हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी के बारे में गलत खबर फैलाने का आरोप है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने गिरफ्तारी का विरोध किया है और गोखले का बचाव किया है। तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बताया है कि साकेत गोखले सोमवार रात नौ बजे नई दिल्ली से फ्लाइट लेकर जयपुर पहुंच गए थे। वहां लैंड करते ही गुजरात पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। देर रात दो बजे उन्होंने अपनी मां को फोन पर गिरफ्तारी की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि राजस्थान पुलिस ने इस कार्रवाई के बारे में गुजरात पुलिस को जानकारी नहीं दी थी।
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- अहमदाबाद साइबर सेल में साकेत गोखले के खिलाफ मोरबी पुल हादसे को लेकर झूठा केस दर्ज हुआ है। ये सब तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष की आवाज को चुप नहीं करा सकता। उन्होंने भाजपा पर बदले की राजनीति का आरोप भी लगाया। गौरतलब है कि तृणमूल के प्रवक्ता साकेत गोखले ने एक दिसंबर 2022 को दावा किया कि पुल ढहने की त्रासदी के बाद गुजरात में पीएम मोदी की मोरबी यात्रा की व्यवस्था पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। गोखले ने ट्विटर पर एक गुजराती अखबार की क्लिपिंग पोस्ट की, जिसमें दावा किया गया कि एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी मिली है।
इस कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए गोखले ने दावा किया कि साढ़े पांच करोड़ विशुद्ध रूप से ‘स्वागत, कार्यक्रम प्रबंधन और फोटोग्राफी’ के लिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह रकम 135 लोगों के जीवन की कीमत से ज्यादा है क्योंकि मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से पांच करोड़ दिए गए थे। बहरहाल, पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस अखबार की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था उस अखबार ने कहा है कि ऐसी कोई आरटीआई उसने नहीं डाली थी और न ऐसी रिपोर्ट छापी थी।