श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के डांगरी गांव में जहां रविवार को आतंकवादियों ने हमला करके चार हिंदुओं को मार डाला था उसी गांव में सोमवार की सुबह हुए एक धमाके में दो बच्चियों की मौत हो गई है, जबकि चार लोग घायल हो गए हैं। सुरक्षा बलों के मुताबिक धमाका आईईडी से हुआ था। सोमवार को सुबह धमाका उन तीन घरों में से एक में हुआ, जहां रविवार शाम आतंकवादियों ने फायरिंग की थी। इस आतंकी हमले में चार हिंदुओं की जान चली गई थी और सात घायल हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मुकेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकवादियों की तलाश जरी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए की टीम भी जांच करेगी। पुलिस ने एक आईईडी को इलाके से हटा दिया गया था। ऐसी आशंका है कि रविवार की शाम फायरिंग के बाद ही आतंकवादियों ने घर में आईईडी रख दिया होगा। डांगरी में हिंदुओं की हत्या के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था, जिसके बाद एक घर में धमाका हुआ और अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद पुलिस ने पूरा इलाका सील कर दिया।
लोगों ने बताया कि रविवार शाम आतंकवादी आए और लोगों को घरों से बाहर निकाला। वे सभी का आधार कार्ड देख रहे थे। इसके बाद उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमले में सतीश कुमार, प्रीतम लाल और शिवपाल की मौत हो गई। चौथे मृतक का नाम अभी सामने नहीं आया है। रविवार को ही शाम में करीब छह बजे श्रीनगर के हवाल चौक में आतंकियों ने सीआरपीएफ के बंकर पर ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में जवानों को तो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक नागरिक समीर अहमत मल्ला घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्विट किया- मैं राजौरी जिले में इस लक्षित हमले की निंदा करता हूं और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। आईईडी धमाके के बाद भी उन्होंने ट्विट किया और लिखा- सुरक्षा बलों की ओर से इस स्पष्ट लापरवाही की जांच की जानी चाहिए। अतीत में सीखे गए सबकों ने हमें सिखाया है कि मुठभेड़ों, हमलों की जगहों को पूरी तरह से सर्च किए बिना उन्हें लोकल को नहीं सौंपना चाहिए।