ताजा पोस्ट

उद्धव ने दिया इस्तीफा

ByNI Desk,
Share
उद्धव ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में आठ दिन तक चले सियासी ड्रामे का पटाक्षेप हो गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देश में दखल देने से इनकार कर दिया है। बुधवार को तीन घंटे से ज्यादा सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उद्धव ठाकरे सरकार को गुरुवार को ही बहुमत साबित करना होगा। इससे पहले बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे सरकार को निर्देश दिया था कि गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं और बहुमत साबित करें। राज्यपाल के इस फैसले को शिव सेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई बुधवार को शाम सवा पांच बजे के करीब शुरू हुई और साढ़े आठ बजे तक चली। तीन घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई के बाद अदालत ने नौ बजे फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को मंजूरी देते हुए उद्धव सरकार को गुरुवार को बहुमत साबित करने को कहा। पहले से ही इस फैसले का अंदाजा लगाया जा रहा था क्योंकि पिछले आठ दिन से गुवाहाटी में रखे गए शिव सेना के बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही गुवाहाटी से गोवा के लिए रवाना हो गए थे और उधर मुंबई में बहुमत परीक्षण की तैयारी शुरू हो गई थी। लेकिन बहुमत साबित करने की बजाय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि शिव सेना के 55 में से करीब 40 विधायक बागी हो गए हैं और उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अलग गुट बना लिया है। उनका दावा है कि वे असली शिव सेना हैं। एकनाथ शिंदे सहित ये सारे विधायक पिछले बुधवार से गुवाहाटी में रखे गए थे। वहां से एक हफ्ते बाद उनको गोवा ले जाया गया है, जहां से वे गुरुवार को बहुमत परीक्षण में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचेंगे। इससे पहले मंगलवार की रात को भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करके कहा था कि उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में है और उसे बहुमत साबित करना चाहिए। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिव सेना की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शिव सेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का नोटिस डिप्टी स्पीकर ने जारी किया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने ही 11 जुलाई तक रोक लगाई है। इसलिए अभी कैसे विश्वास मत का फैसला हो सकता है। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट या तो विश्वास मत हासिल करने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाए या डिप्टी स्पीकर को बहुमत का फैसला करने दे। दूसरी ओर एकनाथ शिंदे की ओर से नीरज किशन कौल ने अपनी दलीलों में कहा कि यह मामला विधायकों की अयोग्यता का नहीं है, बल्कि बहुमत साबित करने का है। उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर को हटाने का नोटिस भी दिया गया है इसलिए वे कैसे विधायकों के बारे में फैसला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए सबसे अच्छी तरीका है कि फ्लोर टेस्ट करा लिया जाए।
Published

और पढ़ें