ब्रसेल्स। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की ने यूरोपी संघ की संसद में भाषण दिया और ‘यूक्रेन की जीत हो’ के नारे लगाए। उन्होंने यूरोप की सबसे बड़ी संसद में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि ‘यूक्रेन की जीत हो’ और सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत व समर्थन किया। उनके भाषण के दौरान यूरोपीय संघ के सांसदों ने दो बार खड़े होकर उनका सम्मान किया। इससे पहले जेलेंस्की ने कई यूरोपीय देशों के नेताओं से मुलाकात की और उससे पहले ब्रिटेन गए थे, जहां वे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिले थे और ब्रिटिश संसद में भाषण दिया था।
रूस के साथ चल रही जंग का एक साल पूरा होने के ठीक 15 दिन पहले दिए जेलेंस्की ने यूरोपीय संघ की संसद में भाषण दिया और रूस पर जम कर बरसे। अपने भाषण में जेलेंस्की ने ऐलान कर दिया कि यूक्रेन यूरोपीय संघ का सदस्य बनेगा। गौरतलब है कि इसके खिलाफ रूस सालों से यूक्रेन को चेतावनी देता रहा है। संसद में दिए अपने भाषण में जेलेंस्की ने यूक्रेन की मदद करने वाले यूरोपीय नेताओं को धन्यवाद दिया।
जेलेंस्की ने कहा कि रूस सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि जिंदगी जीने के यूरोप के तरीकों पर भी हमला कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचा तो यूरोप भी नहीं बचेगा। जेलेंस्की ने पुतिन पर यूरोप की शांति भंग करने का आरोप लगाता हुए कहा- हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे। पुतिन एक तानाशाह है जो सोवियत हथियार का इस्तेमाल कर अपना मकसद पूरा करना चाहता है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि हम कौन हैं लेकिन हमें अपने सम्मान के लिए लड़ना होगा। हमारे बच्चों और उनके बच्चों के सपनों के लिए सबसे पहले उनकी सुरक्षा जरूरी है। हम किसी भी कीमत पर रूस को हमसे हमारा यूरोप छीनने में कामयाब नहीं होने दे सकते हैं।
भाषण खत्म होने के बाद जेलेंस्की को यूरोपीय संघ की संसद की अध्यक्ष रोबर्टा मेटसोला ने अपना झंडा देकर सम्मानित किया। इसके बाद जेलेंस्की ने आधिकारिक तौर पर यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए आवेदन किया। बीबीसी के मुताबिक जून में यूक्रेन को यूरोपीय संघ के सदस्य का दर्जा मिल जाएगा। भाषण के पहले जेलेंस्की ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओलफ शोल्ज से मुलाकात की थी।
जेलेंस्की ने रूस को कड़ी चुनौती देने के लिए फ्रांस और जर्मनी से जल्दी से जल्दी लड़ाकू विमान और बड़े हथियार भेजने का आग्रह किया। वहीं राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि फ्रांस जीत, शांति, यूरोप और लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए यूक्रेन के साथ है। हम यूक्रेन को मदद पहुंचाने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में पूरे यूरोप का भविष्य दांव पर लगा है। रूस जीत नहीं सकता है और न ही उसे जीतना चाहिए।