
लखनऊ। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचल कर मार डालने के मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम यानी एसआईटी ने घटना के 90 दिन पूरे होने के दिन सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया गया है। आशीष मिश्र सहित इस मामले के सभी 14 आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने पांच हजार पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है। इससे केंद्रीय मंत्री की मुश्किलें भी बढ़ेंगी।
विशेष जांच दल आरोपपत्र के हजारों पन्ने सोमवार की सुबह लखीमपुर खीरी में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी यानी सीजेएम की कोर्ट में पहुंचा। आरोपपत्र दो ताले लगे एक बड़े पेटी में थे। बाद में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने लखीमपुर में संवाददाताओं से कहा- चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। जेल में बंद आशीष मिश्र पिछले साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का मुख्य आरोपी है। इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी।
आशीष मिश्र ने कथित तौर पर अपनी गाड़ी से चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित कुल तीन लोगों की मौत हुई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अगले दिन आशीष मिश्र और 12 अन्य को हत्या के आरोपी के रूप में नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज की थी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर केंद्रीय मंत्री के बेटे अजय मिश्र के बेटे आशीष को एक सप्ताह बाद गिरफ्तार किया गया था।
पिछले महीने, एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश करते हुए स्थानीय अदालत को बताया था कि किसानों और पत्रकार की हत्या एक सुनियोजित साजिश थी। यह कोई लापरवाही से मौत का मामला नहीं था। साथ ही पुलिस ने मांग की थी कि आशीष मिश्र और अन्य के खिलाफ लापरवाही से ड्राइविंग के आरोपों को संशोधित किया जाना चाहिए और हत्या के प्रयास और जान बूझकर चोट पहुंचाने का आरोप जोड़ा जाना चाहिए। अदालत ने इसकी मंजूरी दे दी थी।