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आरक्षण मामले में यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

ByNI Desk,
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आरक्षण मामले में यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची
लखनऊ। अन्य पिछड़ी जातियों, ओबीसी के आरक्षण के बगैर स्थानीय निकाय चुनाव कराने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। इससे पहले सरकार ने निकायों में ओबीसी आरक्षण पर विचार करने के लिए एक आयोग का गठन भी कर दिया। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का रास्ता साफ करते हुए आदेश दिया था कि जल्दी से जल्दी चुनाव कराए जाएं और अन्य पिछड़ा वर्ग को कोई आरक्षण न दिया जाए। हाई कोर्ट ने फैसले में कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय ट्रिपल टेस्ट का मानक पूरा नहीं होता है तब तक निकाय चुनावों में आरक्षण की व्यवस्था नहीं लागू हो सकती है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के इस फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि उन्होंने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कराए जाएं। ध्यान रहे हाई कोर्ट ने आरक्षण लागू नहीं करने और तत्काल चुनाव कराने को कहा है। उसने 2017 में हुए रैपिड सर्वे को भी नकार दिया था। जानकार सूत्रों के मुताबिक याचिका में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने और आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह किया है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने ओबीसी आयोग बनाया। रिटायर जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में गठित आयोग में कुल पांच सदस्य होंगे। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी के निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण का निर्धारण होगा।
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