लखनऊ। कानपुर के बिकरू गांव में 3 जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यूपी पुलिस एक्शन मोड में आ गई है और राज्य में अपराधियों को सफाया करने के लिए अभियान लांच किया है।
पुलिस ने बीते 10 दिनों में दो दर्जन से ज्यादा बार एनकाउंटर किए हैं, जिसमें 10 अपराधी मारे गए और 15 घायल हो गए।
कानपुर में 3 जुलाई को पुलिस की हत्या के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने घटना में कथित रूप से शामिल दो बदमाशों को ढेर कर दिया था।
वहीं विकास दुबे का साथी अमर दुबे भी 8 जुलाई को हमीरपुर जिले के मौदाहा में पुलिस के हाथों मारा गया। 9 जुलाई को, एसटीएफ ने एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए प्रभात मिश्रा को मार गिराया था। एसटीएफ का दावा था कि जब वाहन को कानपुर लाया जा रहा था और इसका टायर पंक्चर हो गया था, उसने भागने की कोशिश की, और इसी क्रम में हुए मुठभेड़ में वह मारा गया।
उसी दिन, दुबे गैंग के एक अन्य सदस्य बउवा दुबे को भी इटावा में ढेर कर दिया गया। पुलिस ने उसे चेकिंग के लिए वाहन रोकने के लिए कहा था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वहीं मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को भी 10 जुलाई को कानपुर के बाहरी इलाके में भागने की कोशिश के दौरान मार दिया गया।
इसके अलावा, भदोही में अपराधी दीपक गुप्ता, अलीगढ़ में बबलू और बहराइच में एक अन्य आपराधी पन्ना यादव को मार गिराया गया। एडीजी(काननू व व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की अपराधियों के प्रति जीरो टोलेरेंस की नीति को कड़ाई के साथ लागू किया जा रहा है।
यूपी पुलिस ने 'ऑपरेशन क्लीन' के तहत किए एनकाउंटर
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