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झारखंड में यूपीए ने दिखाई एकजुटता

ByNI Desk,
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झारखंड में यूपीए ने दिखाई एकजुटता
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग की रिपोर्ट और राज्यपाल की सिफारिश के सस्पेंस के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने लगातार दूसरे दिन एकजुटता दिखाई। रविवार को मुख्यमंत्री आवास में जेएमएम और कांग्रेस के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें ज्यादातर विधायकों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस करके एकजुटता का दावा किया। इससे एक दिन पहले शनिवार को मुख्यमंत्री अपने विधायकों के साथ पिकनिक पर गए थे। रविवार को हुई बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने चुनौती देते हुए कहा कि राज्यपाल में दम है तो राष्ट्रपति शासन लागू करें। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा- हम हर फैसले के लिए तैयार हैं। बैठक के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में गठबंधन के 11 विधायक शामिल थे। इसमें कांग्रेस के पांच विधायक थे, जिनमें तीन मंत्री हैं। बन्ना गुप्ता ने कहा- मामले को लटकाया जा रहा है ताकि भाजपा को हॉर्स ट्रेडिंग करने का मौका मिल जाए। जैसा इन्होंने अन्य राज्यों में किया है, ये झारखंड में भी करना चाहते है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य की आदिवासी सरकार को लगातार परेशान करने की कोशिश की जा रही है। राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री कैसे सत्ता चला रहा है, नेतृत्व कर रहा है, यह भाजपा वाले को हजम नहीं हो रहा है। इसके लिए वे सत्ता में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। गौरतलब है कि खदान का पट्टा अपने नाम से लेने के मामले में चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामले की सुनवाई की थी और रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी है। बहरहाल, राज्यपाल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से मुलाकात की थी। स्टेट गेस्ट हाउस में करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात के दौरान उन्होंने विधायकों की एकजुटता को लेकर चर्चा की। पांडे ने सोरेन को आश्वासन दिया कि कांग्रेस के सभी विधायक उनके साथ एकजुट हैं। झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी का कोई विधायक कहीं नहीं जा रहा है, सब यही हैं।
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