नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी पार्टियों ने गरीब सवर्णों को मिल रहे आरक्षण के मसले पर संसद में चर्चा कराने की मांग की। इसके अलावा विपक्ष ने बेरोजगारी पर भी चर्चा की मांग की। सरकार की तरफ से कहा गया कि वह हर मसले पर चर्चा के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सर्वदलीय बैठक में नहीं शामिल हुए। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल भी सरकार की तरफ से बैठक में मौजूद रहे। सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने को लेकर चर्चा हुई। विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार के सामने अपनी मांगें भी रखीं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सिर्फ एक दिन में करने, ईडब्लुएस कोटा और बेरोजगारी पर चर्चा की मांग की।
बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने महंगाई, बेरोजगारी, एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी पर चर्चा की मांग की। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि विपक्ष को अहम मुद्दे उठाने की इजाजत दी जानी चाहिए। सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा- विपक्ष की ओर से कुछ सुझाव आए हैं। स्पीकर और चेयरमैन की अनुमति के बाद चर्चा होगी।
बहरहाल, इस बैठक में 47 पार्टियों में से 31 पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हमने सरकार को कहा है कि जैसे हिंदू, मुस्लिम के त्योहार होते हैं वैसे ईसाई लोगों का भी त्योहार होता है। हम सत्र को छोटा, बंद कर त्योहर मनाने के लिए नहीं कह रहे, बल्कि सरकार को इसके बारे में सोचने के लिए कह रहे। गौरतलब है कि सात दिसंबर से शुरू हो रहा सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा और इस बीच क्रिसमस का त्योहार भी रहेगा।