नई दिल्ली। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस हफ्ते भारत के दौरे पर आने वाले हैं लेकिन उससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भारत पहुंच गए हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले और 35 दिन से चल रही लड़ाई के बीच अमेरिका और रूस दोनों भारत का रुख अपने हिसाब से बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भारत ने अभी तक तटस्थता बनाए रखी। असल में रूस से कच्चा तेल खरीदने के भारत के फैसले से अमेरिका निराश है। अमेरिकी प्रतिनिधि की भारत यात्रा इसी सिलसिले में हो रही है। US Representative’s visit Delhi
बहरहाल, अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह की दो दिन की भारत यात्रा बुधवार से शुरू हो रही है। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि दलीप सिंह अमेरिका-भारत के आर्थिक संबंध और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे, लेकिन रूस के विदेश मंत्री के दौरे से ठीक पहले अचानक उनके भारत आने का मकसद यह लग रहा है कि वे भारत को रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदने के लिए मनाने आ रहे हैं। इसके अलावा वे रूस पर लगी पाबंदियों को लागू करने और संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ वोट देने के लिए भी भारत से बात करेंगे। ध्यान रहे रूस पर अमेरिका ने जो आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, उसका मसौदा दलीप सिंह ने तैयार किया है। ध्यान रहे भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बने चार देशों के समूह क्वाड का सदस्य है। इसलिए अमेरिका उससे क्वाड के बाकी देशों जैसे आचरण की उम्मीद कर रहा है।
इस बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भी इसी हफ्ते भारत आने की योजना है। उनका दौरा इसलिए बहुत अहम है क्योंकि भारत रूस के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। यूक्रेन पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन भारत अब भी रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। बताया जा रहा है कि तेल खरीद के अलावा बैंकिंग सिस्टम पर भी दोनों के बीच चर्चा होगी।
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न्यूज एजेंसी ‘रायटर्स’ के मुताबिक दोनों देश रूसी बैंकों पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बाद पेमेंट सिस्टम को आसान बनाने पर चर्चा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि लावरोव शुक्रवार को भारत आ सकते हैं। हालांकि, दिल्ली में रूसी दूतावास ने अभी तक इस दौरे की पुष्टि नहीं की है। विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि उसके पास साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है। अगर लावरोव भारत आते हैं तो 24 फरवरी को यूक्रेन पर हुए रूसी हमले के बाद उनकी यह तीसरी विदेश यात्रा होगी। इससे पहले वे तुर्की और चीन जा चुके हैं।