लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजनौर न्यायालय गोलीकांड के बाद अब अदालतों की सुरक्षा के लिए स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) के तहत पांच बटालियनें गठित की जाएंगी। आईजी (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि एसएसएफ के जवानों को पेशेवर और सुरक्षा प्रशिक्षण के बाद अदालत परिसरों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश के साथ समन्वय बना कर अदालत परिसरों में सुरक्षा उपकरण स्थापित किए जाएंगे।
बंदियों को लाने-ले जाने की प्रक्रिया में त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं लॉकअप की क्षमता और उसके आधुनिकीकरण के लिए शासन से समन्वय स्थापित कर शीघ्र कार्यवाही होगी। प्रवीण कुमार ने बताया कि वादियों को पास जारी करने की व्यवस्था और अधिवक्ताओं एवं स्टाफ के लिए पहचना पत्र जारी करने के लिए जिला न्यायाधीश और प्रशासनिक अधिकारी व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा।
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इसके अलाव प्रदेश मंत्रिमंडल ने हाईकोर्ट व स्थानीय न्यायालयों की सुरक्षा के लिए प्रमाणीकरण (वेरीफिकेशन) और जांच के लिए ईसीआईएल फर्म को नामित किया है। फर्म कोर्ट परिसरों में सीसीटीवी कैमरों और अन्य सुरक्षा उपकरणों की वास्तविक स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट देगी। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के बिजनौर की सीजीएम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गोलियां चल गई थीं, जिसमें न्यायाधीश को भी भागकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। इसके बाद से प्रदेश में अदालातों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है।
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