मॉस्को/कीव। यूक्रेन पर रूसी हमले के 50 दिन पूरे होने जा रहे हैं लेकिन युद्ध खत्म होने की बजाय और भड़कने के आसार दिख रहे हैं। रूस निर्णायक हमले की तैयारी कर रहा है और सैनिकों की नए सिरे से तैनाती कर रहा है। इसके साथ ही वह दूसरा मोर्चा भी खोलने जा रहा है। फिनलैंड ने जैसे ही नाटो में शामिल होने का रुख दिखाया है वैसे ही रूस ने सैनिक और हथियारबंद गाड़ियां फिनलैंड की सीमा की तरफ भेजी है। स्वीडन भी औपचारिक रूप से नाटो में शामिल होने की पहल करने वाला है। इससे माना जा रहा है कि यूरोप के कई हिस्सों में बड़ा युद्ध छिड़ सकता है।
फिनलैंड और स्वीडन दोनों देशों की प्रधानमंत्रियों ने स्टॉकहोम में एक बैठक की है और सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया गया है। इन दोनों देशों की तैयारी को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों को चेतावनी दी है। हालांकि दोनों देश रूसी चेतावनी की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि यूक्रेन के अलावा युद्ध का नया मोर्चा खुल सकता है और तब अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए चुप बैठना आसान नहीं होगा।
इस बीच इस बीच सेटेलाइट की तस्वीरों से पता चला है कि रूस पूर्वी यूक्रेन पर निर्णायक हमले की तैयारी कर रहा है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि अगले दो-तीन हफ्ते में पूर्वी यूक्रेन में युद्ध तेज हो सकता है। रूस इसके लिए बड़ी तैयारी कर रहा है। सैन्य गतिविधियों की नई सेटेलाइट तस्वीर सामने आई हैं। इस तस्वीर में बेल्गोरोद में रूसी काफिले की तैनाती देखी जा सकती है।
असल में रूस करीब 50 दिन की जंग में भी कीव पर कब्जा करने में नाकाम रहा है और इस वजह से राष्ट्रपति पुतिन बौखलाए हुए हैं। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रूसी सेना के इस दावे पर सवाल उठाया है कि सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा है। ब्रिटेन ने कहा कि रूस ने जिस मकसद के साथ युद्ध शुरू किया था वो नाकाम रहा है। अब तक छह रूसी जनरल मारे जा चुके हैं, जबकि दो हजार से ज्यादा रक्षा उपकरण तबाह हो चुके हैं। हालांकि दूसरी ओर रूस ने दावा किया है कि 162 अधिकारियों सहित यूक्रेन की 36वीं मरीन ब्रिगेड के 1,026 नौसैनिकों ने मारियुपोल में आत्मसमर्पण कर दिया है।
दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी विक्टर मेदवेदचुक को यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया है। राष्ट्रपति वोल्डदिमीर जेलेंस्की ने भी गिरफ्तार मेदवेदचुक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। खबरों के मुताबिक, रूस के हमले शुरू होने से पहले यूक्रेन में विपक्षी नेता मेदवेदचुक को देशद्रोह के केस में नजरबंद रखा गया था, लेकिन वह युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद गायब हो गए थे। अब राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के सामने प्रस्ताव रखा कि अगर रूस मेदवेदचुक को सुरक्षित चाहता है तो कैदी बनाए गए यूक्रेन के नागरिकों को आजाद कर दे। यूक्रेन ने 35 हजार से ज्यादा नागरिकों के अगवा होने का आरोप लगाया है।
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