कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों ने सोमवार को धक्का दिया और उनसे दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद उनके सुरक्षा अधिकारी को पिस्तौल निकालनी पड़ी। इस विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं और चुनाव प्रचार के अंतिम दिन यहां का राजनीतिक तापमान काफी गर्मा गया। west bengal election bypolls
घोष ने मांग की कि स्थिति के सामान्य होने तक 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव को टाल दिया जाए, जबकि चुनाव आयोग ने घटना पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।पार्टी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार करते समय भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए। राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर दिखा कि घोष के साथ सड़क पर धक्का-मुक्की की जा रही है और दुर्व्यवहार किया जा रहा है तथा सुरक्षाकर्मी उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक संदिग्ध समर्थक को एक सुरक्षाकर्मी का कॉलर पकड़ते देखा गया, जिसने भीड़ को हटाने के लिए तुरंत पिस्तौल निकाल ली।घटना तब हुई जब घोष विधानसभा क्षेत्र के जोडुबाबर बाजार इलाके में एक टीकाकरण शिविर के अंदर गए थे। वहां मौजूद तृणमूल समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा और आरोप लगाया कि सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम में वह चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
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उन्होंने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि भवानीपुर उपचुनाव को टाल दिया जाए। उन्होंने कहा, इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति उपचुनाव कराने के अनुकूल नहीं है। अगर एक सांसद पर हमला हो रहा है तो सोचिए आम मतदाताओं का क्या हाल होगा।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता मदन मित्रा ने कहा कि हर किसी को घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने का अधिकार है लेकिन हथियार से लोगों को धमकाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, यह गोधरा या भाटपारा नहीं है, यह भवानीपुर है। भाजपा को उसके कार्यों के लिए 30 सितंबर को करारा जवाब मिलेगा। भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 30 सितंबर को उपचुनाव होने वाले हैं।
चुनाव आयोग उपचुनाव टाले
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