नई दिल्ली। दुनिया भर के देशों के दबाव में आखिरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लुएचओ की नींद खुली है और उसने चीन से कोरोना वायरस के संक्रमण का डाटा जारी करने को कहा है। गौरतलब है कि चीन में कोरोना संक्रमण से तबाही मची है लेकिन उसने आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है। चीन ने जिस दिन तीन हजार लोगों के संक्रमण की बात कही थी उस दिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां तीन करोड़ लोग संक्रमित हुए थे। चीन संक्रमण से मरने वालों का भी डाटा नहीं जारी कर रहा है, जबकि स्वतंत्र स्रोत से मिल रही जानकारी के मुताबिक वहां इतनी मौतें हो रही हैं कि अंतिम संस्कार के लिए तीन तीन हफ्ते की वेटिंग है।
बहरहाल, अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों के दबाव में डब्लुएचओ ने चीन से डाटा जारी करने को कहा है। डब्लुएचओ ने नियमित तौर पर संक्रमण का वस्तविक आंकड़ा साझा करने को कहा है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि वे जीनोम सिक्वेसिंग के साथ साथ कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती होने वालों, जान गंवाने वालों और टीका लगवाने वालों का डाटा भी उसके साथ साझा करें। आईसीयू में भर्ती लोगों का आंकड़ा भी जारी करने को कहा गया है।
डब्लुएचओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए कोविड-19 की स्थिति पर और जानकारी प्राप्त करने और एजेंसी की विशेषज्ञ व अन्य सहायता की पेशकश करने के लिए चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बयान में कहा गया है- डब्लुएचओ ने एक बार फिर से महामारी की स्थिति पर विशिष्ट और वास्तविक समय के आंकड़ों को नियमित रूप से साझा करने के लिए कहा है।
बयान में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अधिक संवेदनशील लोगों को गंभीर संक्रमण और मौत से बचाने के लिए टीकाकरण और एहतियाती खुराक लगवाने के महत्व को दोहराया है। इसमें कहा गया है कि बैठक में चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र के उच्च अधिकारियों ने महामारी, इसके स्वरूप की निगरानी, टीकाकरण, क्लिनिकल देखभाल, संचार और अनुसंधान व विकास के क्षेत्रों में चीन की रणनीति और उसके कामों के बारे में डब्लुएचओ को जानकारी दी।