नई दिल्ली। अक्टूबर के महीने में थोक और खुदरा दोनों महंगाई में गिरावट आई। हालांकि खुदरा महंगाई अब भी रिजर्व बैंक की ओर से तय की गई अधिकतम सीमा से ऊपर है लेकिन अच्छी बात यह है कि अक्टूबर में यह सात फीसदी से नीचे आ गई। सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई अक्टूबर के महीने में 6.77 फीसदी रही। सितंबर में खुदरा महंगाई 7.41 फीसदी थी। अगर साल दर साल के आधार पर देखें तो पिछले साल अक्टूबर में यह 4.48 फीसदी थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक लगातार दो महीने बढ़ने के बाद खुदरा महंगाई में कमी देखने को मिली। अक्टूबर के महीने में खुदरा महंगाई तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई है। खाने पीने का सामान खास तौर पर सब्जियों और दालों की कीमतें घटने की वजह से महंगाई घटी है। अक्टूबर महीने में खाने पीने की चीजों की महंगाई दर सितंबर के 8.6 फीसदी से घट कर 7.01 फीसदी पर आ गई। सब्जियों की महंगाई सितंबर के 18.05 फीसदी से घट कर 7.77 फीसदी पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि खुदरा महंगाई कम करने के लिए बाजार में नकदी की तरलता कम करने का लगातार प्रयास हो रहा है। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक पिछले कई महीने से लगातार नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट बढ़ा रहा है। मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी इजाफा किया है। इसके बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से बढ़ कर 5.90 फीसदी हो गया है।
अक्टूबर के महीने में थोक महंगाई दर में भी गिरावट आई है। कई महीनों के बाद पहली बार थोक महंगाई एक अंक में रही है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई 8.39 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले सितंबर में ये 10.70 फीसदी, अगस्त में 12.41 फीसदी और जुलाई में 13.93 फीसदी थी। साल दर साल के हिसाब से देखें तो पिछले साल अक्टूबर में थोक महंगाई 13.83 फीसदी थी। लगातार 18 महीनों तक दहाई में रहने के बाद थोक महंगाई 19वें महीने में सिंगल डिजिट में आई है। इतना ही नहीं मार्च 2021 के बाद थोक महंगाई सबसे कम है।