
नई दिल्ली। थोक महंगाई की दर में दिसंबर में थोड़ी कमी आई है फिर भी यह साढ़े 13 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। पिछले चार महीने से लगातार इसमें बढ़ोतरी हो रही थी और नवंबर के महीने में यह रिकॉर्ड 14.23 फीसदी की ऊंचाई पर थी। दिसंबर में इसमें थोड़ी कमी आई। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने यानी दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर महंगाई की दर 13.56 फीसदी रही। दिसंबर के महीने में खुदरा महंगाई भी साढ़े पांच फीसदी से ऊपर रही।
बहरहाल, नवंबर 2021 में ऊंची महंगाई दर मुख्य रूप से खनिज ऑयल, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम उत्पादों, प्राकृतिक गैस, केमिल्स, खाद्य उत्पादों आदि के दामों में आई तेजी के कारण रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी। इनमें से कुछ वस्तुओं की कीमत में आई नरमी के चलते थोक महंगाई दर में दिसंबर में थोड़ी कम हुई है। थोक और खुदरा दोनों महंगाई दर ऊंचा रहने की वजह से माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अपनी अगली मौद्रिक समीक्षा में भी नीतिगत ब्याज दरों में कमी नहीं करेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा नौ फरवरी को होगी।
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गौरतलब है कि अप्रैल से लगातार नौंवें महीने थोक मूल्य आधारित महंगाई दर दहाई अंक में बनी हुई है। अगर साल दर साल के हिसाब से देखें तो दिसंबर 2020 में यह 1.95 फीसदी थी। इसका मतलब है कि एक साल में थोक महंगाई दर सात गुनी ज्यादा हो गई है। असल में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से इतनी महंगाई बढ़ी है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई दिसंबर में 23 महीने के उच्चतम स्तर 9.56 फीसदी पर पहुंच गई। नवंबर में यह 4.88 फीसदी थी। यानी एक महीने में यह दोगुनी हो गई। सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी नंवबर के 3.91 फीसदी की तुलना में दिसंबर में 31.56 फीसदी हो गई। खाने-पीने की चीजों में दाल, गेहूं, अनाज और धान में नवंबर की तुलना में दिसंबर में कीमतें बढ़ीं जबकि आलू, प्याज, फल और अंडा, मांस व मछली के दामों में नरमी आई।