नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत करने वाली महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस की सुरक्षा मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश देने के साथ ही महिला पहलवानों को सुरक्षा देने का आदेश भी दिया था। शिकायत करने वाली सात पहलवानों में एक नाबालिग भी है। उसकी शिकायत के आधार पर बृजभूषण के खिलाफ एक एफआईआर पॉक्सो कानून के तहत भी दर्ज की गई है।
बहरहाल, शिकायत करने वाले पहलवानों को रविवार को दिल्ली पुलिस की सुरक्षा मिल गई। बताया जा रहा है कि अब दिल्ली पुलिस जल्दी ही महिला पहलवानों के बयान दर्ज करेगी। दिल्ली पुलिस सभी पहलवानों के संपर्क में है। एक दो दिन में शिकायतकर्ता पहलवान थाने में जाकर अपना बयान दर्ज करा सकते हैं। गौरतलब है कि ओलंपिक सहित विश्व मुकाबले में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। भारत की कई बड़ी खेल हस्तियों ने उनको अपना समर्थन दिया है।
इस बीच, ‘इंडियन वीमन प्रेस कोर’, आईडब्लुपीसी ने सरकार से यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बृजभूषण के खिलाफ जांच की मांग कर रही प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया। महिला पत्रकारों की इस संस्था ने एक बयान में कहा कि वह महिला पहलवानों के साथ एकजुटता से खड़ी है। इसने महिला खिलाड़ियों के किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और यौन शोषण की भी निंदा की।
उधर बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को फिर अपना पक्ष रखा और प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक अखाड़े और एक परिवार के पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न की शिकायत फर्जी है और इससे उनकी छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी एथलीट और उनके अभिभावक कुश्ती महासंघ पर भरोसा करते हैं, उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने उनके खिलाफ शिकायत की है, वे सभी एक ही परिवार और एक ही अखाड़े से हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा- पूरी दुनिया जानती है कि ये सभी महिलाएं महादेव कुश्ती अकादमी से हैं और दीपेंद्र सिंह हुड्डा उस अखाड़े के संरक्षक हैं।