नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे देश के नामी पहलवान अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें पहलवानों ने सर्वोच्च अदालत से कहा है कि वह बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे। उन्होंने सर्वोच्च अदालत से कहा है कि महिला पहलवानों की शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।
पहलवानों ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किए जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिन महिला पहलवानों का यौन शोषण हुआ है उसमें एक नाबालिग भी है। इसके विरोध में कोई तीन महीने पहले भी भारत के लिए पदक जीतने वाले पहलवानों ने प्रदर्शन किया था और तब छह सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इसी वजह से रविवार को पहलवानों ने फिर प्रदर्शन शुरू किया। वे रविवार की रात को जंतर मंतर पर ही सड़क के किनारे सोए।
इस बीच पहलवानों के प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर लगी रोक लगा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय ओलंपिक संघ एक तदर्थ समिति बनाएगा और यही समिति अगले 45 दिनों में कुश्ती संघ का चुनाव पूरा कराएगी। समिति तब तक कुश्ती संघ का रोज का कामकाज भी देखेगी। सात मई को कुश्ती महासंघ का चुनाव होने वाला था। बहरहाल, अलग अलग राजनीतिक दलों ने पहलवानों का समर्थन किया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने कहा है कि वे मंगलवार को उनके प्रदर्शन में शामिल होंगे। सोमवार को कांग्रेस सांसद नेट्टा डिसूजा पहलवानों से मिलने गई थीं।
बहरहाल, सात महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। याचिका में कहा गया कि 21 अप्रैल को दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में शिकायत देने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं हुई। बताया जा रहा है कि ये याचिका रविवार को देर रात महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की।