शुभ मास-फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष
शुभ तिथि द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि प्रातः 9 बजकर 29 मिनट तक तत्पश्चात त्रयोदशी तिथि रहेगी ।द्वादशी तिथि मे विवाह आदि मांगलिक , यज्ञोपवीत ,गृह आरम्भ, प्रवेश,देव कार्य सहित सभी प्रकार के चर -स्थिर कार्य शुभ व सिद्ध होते है| द्वादशी तिथि मे जन्मे जातक चंचल,अस्थिर,परोपकारी ,ऐश्वर्यवान ,धर्म परायण ,गुणवान,होते है
पुष्य “शिप्र” संज्ञक नक्षत्र प्रातः 9 बज कर 5 मिनट तक तत्पश्चात अश्लेषा नाम का नक्षत्र रहेगा | पुष्य नक्षत्र मे विवाह को छोड़ कर समस्त चर -स्थिर कार्य, शांति, वास्तु, प्रतिष्ठा,जनेऊ,इत्यादि कार्य सिद्ध होते है । पुष्य नक्षत्र को बहुत शुभ माना गया है । पुष्य नक्षत्र मे जन्म लेने वाला जातक सुन्दर ,भागयशाली, प्रसिद्ध , कृपालु,नम्र स्वाभाव वाला ,धनवान, बुद्धिमान होता है
चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन कर्क राशि में संचार करेगा |
व्रतोत्सव – गोविन्द द्वादशी,तेरस तिथि क्षय ,शनि प्रदोष व्रत
राहुकाल – प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक
दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है। यात्रा को सफल बनाने लिए घर से अदरक या उरद दाल खा कर निकले ।
आज के शुभ चौघड़िये – प्रातः 8.15 मिनट से प्रातः 9.43 मिनट तक शुभ, दोपहर 12.38 मिनट से सायं 5.00 तक चर,लाभ,और अमृत का चौघड़िया