शुभ मास-चैत्र मास कृष्ण पक्ष
शुभ तिथि अष्टमी जया संज्ञक तिथि अंत रात्रि 3 बज कर 0 मिनट तक तत्पश्चात नवमी तिथि आरम्भ । अष्टमी तिथि मे यथा आवश्यक विवाह आदी , मनोरंजन ,लेखन ,प्रवेश इत्यादि कार्य शुभ रहते है ।अष्टमी तिथि मे जन्मे पुत्र या पुत्री धनवान,गुणवान,पराक्रमी होते है।अष्टमी तिथि को मास मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
शुभ नक्षत्र ज्येष्ठा नक्षत्र दोपहर 11 बजकर 12 मिनट तक तत्पश्चात मूल नक्षत्र रहेगा | ज्येष्ठा नक्षत्र मे अग्नि ,शिल्प,चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते है । ज्येष्ठा नक्षत्र गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र है अतः ज्येष्ठा नक्षत्र मे जन्मे जातको कि 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन मूल शांति करवा लेनी चाहिए | ज्येष्ठा नक्षत्र मे जन्म लेने वाला जातक स्वतन्त्र विचारो वाला,कठोर मेहनत करने वाला, क्रोधी स्वाभाव वाला , सुन्दर ,साहसी,व्यापार निपुण ,धनवान, बुद्धिमान होता है
चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन धनु राशि में संचार करेगा|
व्रतोत्सव – शीतलाष्टमी पूजन ,बास्योड़ा (स्वयं सिद्ध अभूझ मुहूर्त)
राहुकाल – प्रातः 7.30 बजे से 9 बजे तक
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है। यात्रा को सफल बनाने लिए घर से दूध पी कर निकले।
आज के शुभ चौघड़िये – सूर्योदय से प्रातः 8.08 तक अमृत, प्रातः 9.37 मिनट से पूर्वाह्न 11.06 मिनट तक शुभ और दोपहर 2.05 मिनट से सूर्यास्त तक चर,लाभ,अमृत का चौघड़िया