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सूर्योपासना में डूबा बिहार, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तैयार छठ घाट ‎

Patna, Oct 25 (ANI): Devotees perform rituals on the banks of the Ganga River on the occasion of 'Nahay Khay', the first day of Chhath Puja festival, in Patna on Saturday. (ANI Photo)

बिहार में चार दिवसीय अनुष्ठान के तीसरे दिन सोमवार की शाम छठ व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसे लेकर पटना सहित राज्य के सभी क्षेत्रों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महापर्व छठ को लेकर बिहार के शहरों से लेकर कस्बों, गांवों तक के लोग सूर्योपासना में श्रद्धाभक्ति में डूबे हुए हैं। ‎ ‎ 

व्रतियों को छठ घाट जाने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसे लेकर मोहल्ले की गलियों से लेकर पक्की सड़कों पर युवा और बच्चे झाड़ू लगा रहे हैं और उस पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं। ‎ ‎पटना जिले में गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों के लगभग 550 घाटों को छठव्रतियों के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा पार्क एवं तालाबों में भी छठ किए जा रहे हैं। ‎

‎जिला प्रशासन के मुताबिक, पटना नगर निगम क्षेत्र में गंगा किनारे के लगभग 102 घाट तथा करीब 45 पार्क एवं 63 तालाबों को छठ व्रतियों के अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तैयार किया गया है। सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों की देखरेख में छठ घाटों पर नागरिक सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया है। ‎ ‎

सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-प्रबंधन के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी जगह तैयारी की गई है। जिला स्तर से 205 स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। गंगा नदी और अन्य नदियों तथा जलाशयों में किसी भी तरह के आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की नौ, एसडीआरएफ की 14 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा गोताखोरों की भी टीम को तैनात किया गया है। ‎ ‎

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बताया गया कि मोटर बोट के माध्यम से रिवर पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है। कुल 18 नदी गश्ती दल प्रतिनियुक्त किए गए हैं। 10 रिवर फ्रंट-घाट गश्ती तथा तीन स्पीड बोट गश्ती दल भी तैनात किया गया है। व्रत रखने वालों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। ‎ 

बिहार में गांव के घरों से लेकर शहरों के मोहल्लों तक में मनभावन लोक गीतों और पारंपरिक प्रसादों की खुशबू के बीच लोग सूर्य भगवान की आराधना में डूबे हुए हैं। राजधानी पटना की सभी सड़कें रंग-बिरंगी दूधिया रोशनी और आकर्षक तोरण-द्वारों से सजी हुई हैं, जबकि गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। ‎रविवार की शाम व्रतियों ने खरना किया और लोग खरना का प्रसाद पाने के लिए देर रात तक व्रतियों के घर पहुंचते रहे। ‎ ‎

उल्लेखनीय है कि शनिवार को नहाय-खाय से प्रारंभ चार दिनों के इस अनुष्ठान में खरना के बाद छठव्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं। सोमवार की शाम छठव्रती नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा। इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर पारण करेंगे। ‎ ‎

Pic Credit : ANI

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