कोरोना की जंग में वैक्सीन ही ढ़ाल है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है जो आग की तरह फैल रही है। जो युवाओं को बच्चों को अपना शिकार बना रही है। कोरोना वैक्सीन लगवाने का दूसरा चरण चल रहा है। और 1 मई से तीसरा चरण शुरु हो जाएगा। हाल ही में भारत सरकार ने यह घोषणा की है कि 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 1 मई से कोरोना का टीका लगेगा।अब तक सिर्फ 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग ही वैक्सीन लगवा सकते थे। देश के युवाओं को ज्यादा संख्या में कोरोना की वैक्सीन लगवानी चाहिए। क्योंकि यह वायरस युवाओं को ही अधिक मात्रा में संक्रमित कर रहा है। कई देश कोरोना की वैक्सीन से कोरोना मुक्त हो गये है। लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि क्या हमारे देश के युवा वैक्सीन लगवाना चाहते हैं या नहीं? अगर आपके मन में भी वैक्सीन लगवाने को लेकर कोई सवाल या डर है तो आइए जानते हैं वैक्सीन लगवाना युवाओं के लिए क्यों जरूरी है..
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वैक्सीनेशन के बाद सामान्य जीवन जीने लगे लोग
तेज़ी से फैल रहा कोरोना का संक्रमण बेहद जानलेवा साबित हो रहा है। ऐसे में युवाओं के लिए भी वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि वैक्सीनेशन के बाद गंभीर बीमारी और उससे मौत होने का खतरा काफी कम हो जाता है। युवाओं के लिए वैक्सीन लगवाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि युवा तेजी से कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। वैक्सीन लगवाने से कोरोना फैलने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है और लोग सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकते हैं। कई देशों में भी देखा गया है कि वैक्सीनेशन के बाद लोग सामान्य जीवन की ओर बढ़ने लगे हैं। वहीं, आंकड़ों के मुताबिक, देश की 38 फीसदी आबादी 19 से 44 उम्र के लोगों की है।
वैक्सीन लगवाना युवाओं के लिए क्यों है जरूरी?
मुंबई के लीलावती अस्पताल के पल्मनरी कन्सल्टेंट, सीनियर डॉक्टर जलील पारकर और दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कन्सल्टेंट डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अपनी राय पेश की है। लीलावती अस्पताल के डॉक्टर जलील पारकर ने कोरोना वैक्सीन लगवाने पर कहा कि वैक्सीन को लेकर पहले हिचकिचाहट सब में थी। लेकिन जैसे-जैसे कोविड हावी हुआ तो लोगों को एहसास हो गया कि वैक्सीनेशन लेना बेहद जरूरी है। वैक्सीन लेने की वजह से वो लोग क्रिटिकल नहीं हुए हैं और उनका इलाज घर पर हो गया है। इन हालातों को मद्देनजर रखते हुए दूसरी लहर के दौरान सबकों ये पता चला की दूसरी लहर में कोविड का वायरस युवाओं पर भी हावी हो रहा है। अगर सरकार वैक्सीन की सुविधा दे रही है, तो इसमें बिल्कुल भी हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति को कोविड वैक्सीन लगवानी चाहिए।
कोविड वैक्सीन को लेकर ये नहीं सोचना चाहिए कि इसको लेकर कोई तकलीफ होगी। जैसे हर वैक्सीन के थोड़े बहुत साइड इफेक्ट्स होते हैं, जैसे सिर दर्द या बुखार आना तो वो हर वैक्सीन में होते हैं। लेकिन हमने देखा है कि वैक्सीनेशन लेने के बाद कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं हुआ है।
वैक्सीन की उपलब्धता
वहीं वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर सीनियर कन्सल्टेंट डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि वैक्सीन की उपलब्धता होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, "मैं आशा करता हूं कि वैक्सीन की कमी न हो, क्योंकि बड़े शहरों में कोरोना जिस तरह से फैल रहा है ऐसे में शुरुआती वैक्सीनेशन के साथ कोविड-19 के सभी नियमों का पालन ही हमें इन बीमारियों से सुरक्षित रख सकता है। देश के कई राज्यों में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां जोरों पर है। सभी राज्यों में कोरोना के टीकाकरण के लिए आज से रजिस्ट्रेशन शुरु हो गये है। लेकिन राजस्थान में वैक्सीन की कमी को लेकर टीकाकरण 15 मई से शुरु होगा। कोरोना से बचने के लिए अभी मास्क, सामाजिक दूरी और सैनेटाइजर या साबुन से बार-बार हाथ धोना जरूरी है। कोरोना के इस बिगड़ते हालात में वैक्सीन ही एकमात्र बचाव का उपाय है।
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