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आतिशी सिंह ने संभाली दिल्ली में शिक्षा की कमान

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) पिछले लगभग एक दशक से तमाम सियासी उठापटक के बावजूद दिल्ली की सत्ता के गलियारों में अपनी पकड़ बनाए हुए है। पार्टी में कुछ ऐसे नाम हैं जो बहुत शुरू से इसके साथ जुड़े हैं और इसकी मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। इन लोगों पर किसी भी मौके पर किसी भी तरह की बड़ी जिम्मेदारी के लिए भरोसा किया जा सकता है। आतिशी सिंह (Atishi Singh) आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का एक ऐसा ही चेहरा हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आप ने सबसे पहले अपने जिन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था, उनमें पूर्वी दिल्ली से मैदान में उतारी गईं आतिशी भी शामिल थीं। अब उन्हें दिल्ली का नया शिक्षा मंत्री (Education Minister) बनाया गया है। शिक्षा विभाग के अलावा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), महिला एवं बाल विकास, ऊर्जा, कला-संस्कृति एवं भाषा तथा पर्यटन विभाग भी उनके जिम्मे होंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दंपती विजय सिंह और तृप्ता सिंह के यहां आठ जून 1981 को आतिशी का जन्म हुआ। कुछ लोगों का कहना है कि उनके पिता ने उन्हें आतिशी मार्लेना नाम दिया था। उन्होंने ‘मार्क्स’ और ‘लेनिन’ से लिये गये कुछ अक्षरों को मिलाकर उनके लिए यह नाम चुना था।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान आतिशी ने अपने नाम से मार्लेना शब्द हटा दिया, क्योंकि इससे उनके ईसाई होने का भ्रम होता था। बहरहाल पंजाबी राजपूत परिवार में जन्मीं आतिशी अब सोशल मीडिया पर अपना नाम आतिशीआप लिखती हैं। उनका मानना है कि उनके नाम पर ध्यान देने की बजाय लोग उनके काम से उनकी परख करें तो ज्यादा अच्छा होगा।

कालकाजी से आप की विधायक आतिशी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य होने के साथ ही कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। उन्होंने जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर कार्य किया और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए कई योजनाओं पर काम किया।

खुद आतिशी की शिक्षा की बात करें तो उनकी स्कूली शिक्षा नयी दिल्ली के पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल में हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से वर्ष 2001 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद आगे की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से की।

पढ़ाई पूरी करके भारत लौटने के बाद आतिशी ने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में कुछ समय तक काम किया और एक गैर-सरकारी संगठन संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ भी जुड़ी रहीं।

आप के गठन के समय से ही आतिशी पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं। जनवरी 2013 में उन्हें पार्टी के लिए नीति निर्धारण के काम में शामिल किया गया। उसके बाद हर गुजरते वर्ष के साथ उनकी छवि पार्टी की एक कर्मठ और जिम्मेदार पदाधिकारी के तौर पर मजबूत होती रही। वर्ष 2015 में उन्होंने आप नेता आलोक अग्रवाल द्वारा मध्यप्रदेश के खंडवा में चलाये गये जल सत्याग्रह में बढ़ चढ़कर भाग लिया।

आतिशी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया। वह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गौतम गंभीर से 4.77 लाख मतों से हार गईं। वर्ष 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के टिकट पर कालकाजी क्षेत्र से चुनाव जीता और भाजपा प्रत्याशी को 11 हजार से अधिक मतों से मात दी।

पार्टी में आतिशी के बढ़ते सियासी कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2020 के चुनाव के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया और अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उन्हें अपने सबसे भरोसेमंद सिपहसालार की जगह देना इस बात का सुबूत है कि वह दिल्ली की सियासी शतरंज के सबसे मजबूत मोहरों में से एक हैं। (भाषा)

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