Kuber Temples: दीवाली का त्योंहार नजदीक आ रहा है. सभी लोग अपने घरों में सजावट कर रहे है. धनतेरस पर लोग सोना-चादी और बर्तन की खरीददारी करेंगे. 28 अक्टूबर से धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा. धनतेरस के त्योंहार के साथ दोपत्सव का पर्व भी शुरू हो जाएगा. दिवाली त्योहार के 5 दिनों के दौरान लक्ष्मी-गणेश के साथ-साथ कुबेर और यम की पूजा होती है.
दिवाली पर तो खासतौर पर धन के देवता कहे जाने वाले कुबेर जी पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि कुबेर जी के मंदिर जाने से धन की प्राप्ति होती है. जो कोई भी सच्ची श्रद्धा सेकुबेर के मंदिर में जाता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. खासतौर पर जो लोग कर्ज से परेशान है, उन्हें इस समस्या से छुटकारा मिलता है. आइए आपको देश के प्रसिद्ध कुबेर मंदिरों के बारे में बताते हैं.
also read: M.S.धोनी का IPL 2025 में खेलना तय! इस खेल को कुछ साल और देंगे अपना बेस्ट
उत्तराखंड में कुबेर मंदिर
उत्तराखंड में भारत का सबसे प्राचीन कुबेर मंदिर हैं. ये कुबेर मंदिर अल्मोड़ा से करीब 40 किलोमीटर दूर है. आपको बता दें कि ये मंदिर जागेश्वर धाम के अंदर आता है. हर साल धनतेरस और दिवाली के दिन लोगों की भीड़ लगती है. कहा जाता है कि इन दोनों दिन जो भी इस मंदिर में आता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता.
गुजरात का कुबेर भंडारी मंदिर
गुजरात के वडोदरा से 60 किलोमीटर दूर ये कुबेर मंदिर काफी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि वडोदरा का ये कुबेर भंडारी मंदिर 2500 साल से भी ज्यादा पुराना है. ये मंदिर नर्मदा नदी के किनारे मौजूद है. यहां भी धनतेरस और दिवाली पर लोगों की खूब भीड़ लगती है. यहां जो भी आता है, खाली हाथ नहीं लौटता. दिवाली वाले दिन इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है.
खंडवा का कुबेर मंदिर
मध्य प्रदेश में तो कुबेर जी के तीन-तीन मंदिर हैं. तीनों मंदिर मंदसौर, उज्जैन और खंडवा में हैं. लेकिन इन तीनों में से सबसे ज्यादा भीड़ खंडवा के कुबेर मंदिर में देखने को मिलती है, जो ओंकारेश्वर में स्थित है. कहा जाता है कि खंडवा के कुबेर मंदिर में सिर्फ दर्शन मात्र से ही परेशानियां दूर हो जाती हैं.