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असत्य पर सत्य की जीत: दशहरा और विजयदशमी पर ऐसे करें पूजा, होगा शत्रुओं का नाश

ByNI Desk,
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असत्य पर सत्य की जीत: दशहरा और विजयदशमी पर ऐसे करें पूजा, होगा शत्रुओं का नाश
नई दिल्ली | Dussehra 2022 : असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा देशभर में आज धूमधाम से मनाया जाएगा। विजयादशमी पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण और माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था। दशहरे के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विधान है। माना जाता है कि, विजयादशमी पर शस्त्र पूजा पूजन से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। ऐसे में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के चमोली में शस्त्र पूजा की। इस दिन अपराजिता और शमी वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है। ये भी पढ़ें:- दिवाली से पहले कोरोना से राहत! आज सामने आए 2,468 नए संक्रमित, एक्टिव केस घटकर 33 हजार रावण दहन 2022 शुभ मुहूर्त Dussehra 2022 : रावण दहन मुहूर्त - सूर्यास्त के बाद से रात 08.30 मिनट तक ये भी पढ़ें:- सूर्यकुमार यादव की जगह खतरे में, नंबर-4 पर भारत को मिला नया बल्लेबाज विजयादशमी पर ऐसे करें पूजन - दशहरा पर विजय मुहूर्त या अपराह्न काल में पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने और श्रीराम, माता सीता और हनुमान जी की उपासना करें। - पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें। - अब चंदन से लेप लगाकर अष्टदल चक्र बनाएं। अष्टदल चक्र के बीच अपराजिताय नमः लिखें। - अब मां जया को दाईं तरफ और मां विजया को बाईं तरफ स्थापित करें। - ऊॅं क्रयाशक्त्यै नमः और उमायै नमः मंत्र बोलकर देवी का आह्वान करें। - गाय के गोबर से 10 गोले बनाकर उसमें ऊपर से जौ के बीज लगाएं। - अब धूप और दीप लगाकर भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करें और इन गोलों को जला दें। - ये 10 गोले रावण के प्रतीक होते हैं। इसलिए इन्हें जलाकर बुराइयों का अंत किया जाता है। - पूजा के बाद ओम दशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात मंत्र का जाप करें।
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