नई दिल्ली। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सोमवार को बताया है कि उन्होंने एक ऐसा पहनने वाला मॉनिटर तैयार किया है जिसके माध्यम से व्यक्ति की हृदय गति को ट्रैक किया जा सकता है। हालांकि, अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में ड्यूक क्लिनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने कहा, ‘हार्ट मॉनिटर (Heart Monitor) से स्ट्रोक के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कमी नहीं आई है’।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक अमेरिका में लगभग 12,000 रोगियों का पंजीकरण किया गया था। जो कम से कम 70 वर्ष के थे। उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन का कोई इतिहास नहीं था। एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) का मतबल दिल की धड़कनों का अनियमित होना है। इन रोगियों में ऐसा नहीं था। लगभग आधे रोगियों की उपकरण के माध्यम से 14 दिनों तक निगरानी की गई। वहीं, अन्य की सामान्य देखभाल की गई।
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15 महीनों के फॉलो-अप के बाद, अध्ययन में सामान्य देखभाल वाले लोगों की तुलना में डिवाइस पहनने वालों में एट्रियल फाइब्रिलेशन से निदान के मामलों की संख्या में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हृदय गति मॉनिटर (Heart Rate Monitor) सेंसर युक्त होते हैं और हृदय या नाड़ी गति को ट्रैक करते हैं। ये उपकरण स्मार्टवॉच में भी उपलब्ध हैं और व्यायाम के दौरान हृदय गति को ट्रैक करने, तनाव के लिए हृदय गति की निगरानी करने में सक्षम होते हैं। कुछ होने की संभावना में सचेत करने में मदद करते हैं। लेकिन ये अधिक सटीक चिकित्सा उपकरणों का विकल्प नहीं हो सकते।