झांसी। भारत में डायबिटीज की समस्या ने एक गंभीर रुप धारण कर लिया है।
भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा डायबिटीज़ के मरीज पाये जाते है।
वर्तमान में करीब 08 करोड़ लोग डायबिटीज़ से पीड़ित है,
जबकि यह संख्या अगले 20 सालों में दुगुनी हो जाएगी।
उन्होने बताया कि वजन, रक्तचाप, रक्त शुगर, और शरीर में
वसा की मात्रा पर नियंत्रण डायबिटीज़ से बचा सकता है।
विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस पर उत्तर प्रदेश के झांसी में आयोजित एक गोष्ठी में
इस बीमारी के खतरे और इससे बचने के उपायों पर चर्चा कर लोगों को जागरूक किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में डायबिटीज़ सलाहकार डॉ आर आर सिंह ने प्रस्तुतीकरण के जरिये डायबिटीज़ का भारत पर प्रभाव के बारें में बताया।
यदि खाली पेट डायबिटीज़ की जांच कर अंजाम को ध्यान में रखे तो डायबिटीज़ को बहुत हद तक रोका जा सकता है। जैसे कि यदि किसी की डायबिटीज़ खाली पेट 140 एमजी से ज्यादा है तो वह आने वाले कुछ वर्षों में डायबिटीज़ का मरीज बन सकता है। गोष्ठी में जिला अस्पताल के डॉ़ डी एस गुप्ता और डॉ॰ एस एन कंचन ने भी लोगों को डायबिटीज़ के प्रति जागरूक किया। अपर निदेशक ने सभी को संबोधित करते हुये बताया कि सिर्फ चिंतन करने से हम इस बीमारी को नही रोक सकते, बल्कि इसके लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने पड़ेंगे। ऐसे व्यायाम को अपनाए जो लंबे समय और मध्यम क्षमता वाला हो।