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सावधान! कोरोना के बाद हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ी

नई दिल्ली। भारत में पिछले कुछ सालों में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की घटनाएं बड़ी संख्या में सामने आई हैं। बैठे-बैठे और राह चलते भी दिल का दौरा पड़ने से लोगों की मौत की घटनाएं सुर्खियां बनी हैं। देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ और नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के हृदय विज्ञान (कार्डियक साइंस) विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय कौल इन्हीं सब मुद्दों पर अपने विचार रख रहे हैं।

सवाल: चलते-चलते, बैठे-बैठे, नृत्य करते और गाना गाते-गाते लोगों को दिल का दौरा पड़ रहा है और मौतें हो रही हैं। इन घटनाओं को आप किस प्रकार देखते हैं?
जवाब: आज से करीब 30-40 साल पहले दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बहुत कम होती थीं। अब धीरे-धीरे बहुत सारी चीजें बदल गई हैं। इस वजह से लोगों की आदतों में भी काफी बदलाव आया है। धूम्रपान, शराब का सेवन, मधुमेह और रक्तचाप की बीमारी के साथ-साथ तनाव बहुत आम हो गया है। इन सभी वजहों से दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बढ़ी हैं।

सवाल: लेकिन कम उम्र के लोग भी अब इसका शिकार हो रहे हैं?
जवाब: यह बात बिल्कुल सही है। पहले 60-65 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ता था, लेकिन हाल के कुछ सालों में देखा गया है कि अब तो 20-22 वर्ष से लेकर 35-40 वर्ष की उम्र तक के लोगों के साथ भी ऐसा हो रहा है। जैसा कि मैंने पहले कहा है कि कुछ गलत आदतें और कुछ बीमारियां इसकी एक बड़ी वजह हैं, लेकिन साथ ही हमें अपने दिल का ध्यान भी रखना होता है।

आमतौर पर हम हृदय जांच नहीं कराते। हमें हृदय जांच भी करानी चाहिए, ताकि पता चले कि कोई समस्या तो नहीं है। अगर आपको दिल संबंधी कोई समस्या है तो ऐसे मरीजों को भारी व्यायाम नहीं करना चाहिए, तनाव नहीं लेना चाहिए, खानपान और दिनचर्या का बहुत ख्याल रखना चाहिए। अगर आपका दिल सामान्य है तो तो आप किसी भी स्तर का तनाव ले सकते हैं, लेकिन आपको अगर छोटी-मोटी भी समस्या है तो आप एक स्तर से ज्यादा तनाव नहीं ले सकते हैं। यह लोग समझते ही नहीं हैं। इसी की वजह से अचानक ऐसी घटनाएं हो रही हैं। (भाषा)

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